गर्भाशय कैंसर:- वर्तमान परिवेश में प्रदूषित एवं गलत खान-पान तथा भाग-दौड़ भरी जिंदगी के कारण मनुष्य स्वस्थ नहीं रह पाता है।महिलाओं की स्थिति तो स्वास्थ्य के मामले में और भी दयनीय है।महिलाओं के शरीर में गर्भाशय की आंतरिक परत की कोशकाएँ जरुरत से ज्यादा बढ़ जाती हैं तो गर्भाशय का कैंसर होता है।इसे बच्चेदानी का कैंसर भी कहते हैं।यह कोशकाएँ वृद्धि करके शरीर के अन्य भागों में भी फैला सकती है।गर्भाशय का आकार और संरचना नाशपाती जैसा होता है और यह जन्म लेने से पहले बच्ची महिलाओं के गर्भ के इसी हिस्से में रहते हैं।गर्भाशय के दो मुख्य भाग होते हैं -(1) गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) गर्भाशय का निचला हिस्सा है जो योनि में खुलता है। (2) गर्भाशय के ऊपरी भागों को कॉर्पस कहा जाता है।

गर्भाशय ग्रीवा भी गर्भाशय का ही भाग होता है।जब लोग गर्भाशय के कैंसर के बारे में बात करते हैं तो उनका मतलब कॉर्पस में कैंसर ही होता है न की गर्भाशय ग्रीवा में।

प्रकार:- गर्भाशय कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं- (1). गर्भाशय सार्कोमा -यह गर्भाशय की मांसपेशियों की परत या संयोजी ऊतकों में होनेवाला कैंसर है।(2).एंडोमेट्रियल कार्सिनोमा -यह गर्भाशय की भीतरी परत एंडोमेट्रियल कार्सिनोमा में होने वाला कैंसर है।गर्भाशय के लगभग सभी इसी प्रकार के होते हैं।

लक्षण:- रजोनिवृत्ति के बाद योनि से सफ़ेद पानी आना,मासिक धर्म के बीच में रक्तस्राव होना,मासिक धर्म का सामान्य से अधिक समय तक जारी रहना,अत्यधिक रक्तस्राव होना,पेट के निचले भाग में दर्द का अनुभव होना,सम्भोग काल में अधिक दर्द होना आदि।

कारण:-(1) प्रोजेस्टेरॉन और एस्ट्रोजेन अंडाशय में बनने वाला सेक्स हार्मोन है।जब इनमें असंतुलन होता है तो वह 

                कैंसर का कारण होता है;क्योंकि इसकी वजह से गर्भाशय की दीवार मोती हो जाती है।

            (2) कुछ महिलाओं में रजोनिवृत्ति अधिक उम्र में होती है जो गर्भाशय कैंसर का कारण होती है।

            (3) मोटापा,शुगर और रक्तचाप भी गर्भाशय कैंसर का कारण होती है।

            (4) आनुवांशिक कारणों से भी गर्भाशय कैंसर होता है।

उपचार:- (1) सिंहपर्णी की जड़ के पाउडर को दो -तीन कप पानी में मिटटी के बर्तन में उबालें और ठंडा कर दिन 

                   में तीन बार सेवन करने से गर्भाशय कैंसर का नाश हो जाता है।

             (2) हल्दी,दारु हल्दी ,अम्बा हल्दी सबको सामान मात्रा में कूट पीस कपड़छान कर प्रतिदिन सुबह -शाम 

                   एक चम्मच ताजे जल या दूध के साथ सेवन करने से गर्भाशय कैंसर नष्ट हो जाता है।

             (3) अश्वगंधा पाउडर का सेवन प्रतिदिन सुबह -शाम करने से भी गर्भाशय कैंसर का नाश होता है।

             (4) नोनी फल या नोनी जूस के सेवन से गर्भाशय कैंसर का समूल नाश होता है।यह सौ फीसदी अचूक 

                   एवं अनुभूत है।

              (5) लहसुन में भी कैंसर रोधी गुण बहतयात रुप में होता है,इसलिए एक चम्मच लहसुन का रस और 

                    एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर सुबह -शाम सेवन करने से गर्भाशय कैंसर का नाश होता है। 

              (6) दूब घास के रस का सेवन भी गर्भाशय कैंसर को नष्ट करता है।

               (7) ग्रीन टी के प्रयोग से भी गर्भाशय कैंसर में बहुत फायदा होता है।


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