वीर्य में शुक्राणुओं की कमी :- वीर्य में शुक्राणुओं की कमी होने पर व्यक्ति संतान पैदा करने में असमर्थ रहता है ,जिससे वह सम्मानजनक जिंदगी नहीं जी सकता है और संमाज में लोग उसे सही नजरसे नहीं देखते हैं ।व्यक्ति में हीन भावना आ जाती है ,वह अपने आपको कोसने लगता है ।कुछ लोगों के मन में तो आत्महत्या जैसी भावना आने लगती है और वे निराश हो जाते हैं ,अवसाद ग्रस्त होकर अपना जीवन तक समाप्त कर लेते हैं ।

उपचार सामग्री :- (१) शुद्ध कौंच बीज -४० ग्राम  (२)अश्वगंधा घनसत्व -२० ग्राम  (३)चारों प्रकार की मूसली -८० ग्राम (४) शुक्र वल्लभ रस -६ ग्राम (५)सिद्ध मकरध्वज स्पेशल - ५ ग्राम (६) वज्र (भस्म हीरक )-१/४ ग्राम (७) स्वर्ण भस्म -१/४ ग्राम (८) सतावर चूर्ण -२० ग्राम 

दवा बनाने की विधि :--सबसे पहले शुक्रवल्लभ रस को घुटाई कर फिर मकरध्वज स्पेशल को पीस लें ,फिर हीरक भस्म ,स्वर्ण   भस्म को घुटाई कर बारीक करके फिर सतावर ,अश्वगंधा घनसत्व ,शुद्ध कौंच बीज ,चारों मुसलियों को मिलकर घोंट कर एक जान कर पूरे मिश्रण के बराबर मिश्री मिलकर ८० पुड़िया बना लें

सेवन विधि :-प्रातः दोपहर सायं एक गिलास दूध के साथ एक पुड़िया खाने से कुछ ही दिनों में वीर्य शुक्राणुओं से लबालव हो जायेगा ।

परहेज :-खट्टी ,तली-भुनी ,मिर्च मसाला ,सम्भोग ,से दूर एवं पेट साफ रखें ।


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