बबासीर:-बबासीर या पाइल्स एक खतरनाक एवं भयंकर कष्ट प्रदान करने वाली बीमारी है।यह दो प्रकार की होती है -खुनी एवं वादी।वैसे तो प्राचीन काल से ही बहुत सी असाध्य बीमारियां हुई हैं और उसका इलाज भी आसानी से हुआ है; किन्तु कुछ बीमारियों के इलाज बड़ी कठिनाइयों से हुआ ;उनमें बबासीर भी एक है।बबासीर की बीमारी आधुनिकता की दौर में अभक्ष्य पदार्थों के सेवन का प्रतिफल एवं प्रदूषित खाद्य पदार्थों के कुपरिणाम भी कह सकते हैं।  इस बीमारी में आँतों के अंतिम भाग या गुदा (मलाशय) की भीतरी दीवार में रक्त की नसें सूजने के कारण फूल जातीं हैं और मल त्याग के वक्त ताकत लगाने से कड़े मल के रगड़ खाने से खून की नसों में दरार पड़ जाती हैं एवं उसमें से खून बहने लगता है। अधिक रक्त स्राव ,कब्जियत ,गुदा स्थान का पक जाने के कारण भयंकर कष्टमय एवं दुखित जीवन व्यतीत करना मजबूरी बन जाती है।  

उपचार:- (1 )मग्ज तुख्म नीम,छोटी इलायची,माजूफल सबको समान भाग लेकर बारीक कूट पीस कपड़छान कर चूर्ण बनाकर सुबह -शाम 2 

                  माशा की मात्रा सेवन करने से बबासीर जड़ से समाप्त हो जाती है। यह अचूक एवं अनुभूत औधधि है।

              (2 )जटामांसी और हल्दी समान भाग लें और पीसकर मस्सों पर लगाने से बबासीर नष्ट हो जाता है।

              (3 )भिंडी के पौधे की जड़ को कूट पीस कपड़छान कर चूर्ण बनाकर प्रातः जल के साथ खाने से बबासीर जड़ से ठीक हो जाता है।यह 

                   अनुभूत औषधि है।

               (4 )जिमीकंद के पाउडर को छाछ के साथ प्रतिदिन खाने से बबासीर की बीमारी जड़ से नष्ट हो जाती है।यह अचूक एवं अनुभूत 

                    औषधि है।

               (5 )हरीतकी चूर्ण को दूध के साथ दिन में तीन बार एक -एक चम्मच लेने से सूखी एवं खुनी बबासीर नष्ट हो जाती है।


0 Comments


  बच्चों के रोग

  पुरुषों के रोग

  स्त्री रोग

  पाचन तंत्र

  त्वचा के रोग

  श्वसन तंत्र के रोग

  ज्वर या बुखार

  मानसिक रोग

  कान,नाक एवं गला रोग

  सिर के रोग

  तंत्रिका रोग

  मोटापा रोग

  बालों के रोग

  जोड़ एवं हड्डी रोग

  रक्त रोग

  मांसपेशियों का रोग

  संक्रामक रोग

  नसों या वेन्स के रोग

  एलर्जी रोग

  मुँह ,दांत के रोग

  मूत्र तंत्र के रोग

  ह्रदय रोग

  आँखों के रोग

  यौन जनित रोग

  गुर्दा रोग

  आँतों के रोग

  लिवर के रोग