gonorrhoea disease
सुजाक:-सुजाक एक यौन संक्रामक बीमारी है ,जो नीसेरिया गानोरिया नामक जीवाणु के कारण होता है।यह जीवाणु महिला एवं पुरुषों के प्रजनन मार्ग के गर्म एवं गीले क्षेत्रों में बहुत शीघ्रता से बढ़ती है।यह जीवाणु मुँह,गला,आँख तथा गुदा में भी बढ़ते हैं। मुख्य रूप से यह रोग संक्रमित व्यक्ति से यौन सम्बन्ध स्थापित करने पर होता है।इसमें लिंग या योनि के अंदर घाव हो जाता है और पस या रक्त निकलता है।यह लिंग,योनि,मुँह या गुदा के संपर्क से भी फ़ैल सकता है और प्रसव के दौरान माँ से बच्चे को भी हो सकता है।
लक्षण:-पेशाब करते समय जलन,लिंग से सफ़ेद,पीला या हरा स्राव,कभी-कभी अण्डग्रन्थि में दर्द या सूजन,गले में गांठ और दर्द भी सुजाक के लक्षण हो सकते हैं।महिलाओं में सुजाक के लक्षण बहुत कम होते हैं।महिला को पेशाब करते समय दर्द या जलन,योनि से अधिक मात्रा में स्राव निकलता है या मासिक धर्म के बीच में योनि से रक्त निकलता है,योनि मार्ग में पीप दिखाई देता है,योनिशोथ या मूत्रमार्ग दबाने से दर्द,सफ़ेद पानी आना,तथा डिस्चार्ज में योनि में काफी खुजलाहट होती है।
उपचार:- (1) बेलगिरी के गूदे को एक गिलास दूध में डालकर मिला लें फिर छानकर उसमें एक चम्मच चीनी
डालकर सेवन करने से सुजाक की बीमारी दूर हो जाती है।
(2)खीरे के एक गिलास रस में 5 ग्राम कलमी शोरा मिलकर पीने से सुजाक की बीमारी का नाश हो
जाता है।
(3)खरबूज के बीज को छीलकर पीस लें और उसे पानी में मिलाकर उसमें दश-बारह बूँद चन्दन का
तेल डालकर पीने से सुजाक का समूल नाश होता है।
(4)पके केले के फूल को सूखा कर चूर्ण बना उसमें पंद्रह ग्राम कलमी शोरा मिलाकर डेढ़ लीटर पानी
मिट्टीके बर्तन में डालकर रात भर रख कर सुबह दूध में मिलाकर सेवन करने से सुजाक का नाश
हो जाता है।
(5) तरबूज लेकर उसके कठोर आवरण हटा कर उसमें आठ ग्राम कलमी शोरा और 60 ग्राम मिश्री
मिलाकर मिट्टी के बर्तन में ढक दें।अगले दिन रस निकाल कर पीने से सुजाक का नाश होता है।
अनुभूत एवं अचूक है।