अल्जाइमर या विस्मृति रोग:-अल्जाइमर वृद्धावस्था का एक असाध्य किस्म का रोग है।इस बीमारी की शुरुआत मस्तिष्क के स्मरण -शक्ति को नियंत्रित वाले भाग में होती है और जब यह मस्तिष्क के दूसरे भागों फ़ैल जाता है तब व्यक्ति के हाव -भावों एवं व्यव्हार की क्षमता को प्रभावित करने लगता है ।इसे भूलने का या विस्मृति रोग भी कहते हैं ।इस रोग का सही कारण ज्ञात नहीं है ,किन्तु इस बीमारी के बारें में सर्वप्रथम डॉक्टर ओलोरा अल्जीमीर ने बताया था ;इसलिए उसी के नाम पर इस बीमारी का नाम अल्जीमर रखा गया है।
लक्षण:-इस बीमारी में अपना नाम अथवा संख्या का भूलना,घबड़ाहट,उलझन,अस्त -व्यस्त होना,कपड़े उल्टे पहनना,मूत्र -शौच आदि ध्यान न रहना,भोजन,सोना,आदि का ध्यान न रहना,खुद ही चीजों को रखकर भूल जाना,खुद से बातें करना,अपने ही घर में खो जाना,छोटी -छोटी बातों पर चौंक जाना,कार्य के न करने पर भी उसे लगना कि कार्य मैंने किया है आदि इस बीमारी प्रमुख लक्षण हैं।
उपचार:-(1 ) शंखपुष्पी के प्रतिदिन सेवन से इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
(2 )ब्राह्मी के सेवन करने इस बीमारी का नाश हो जाता है।
(3 )पीपल की अंतर छाल के चूर्ण का प्रतिदिन प्रातः -सायं जल के साथ सेवन करने से इस बीमारी से मुक्ति मिलती है।
(4 )अश्वगंधा चूर्ण का प्रतिदिन प्रातः -सायं दूध के साथ सेवन करने से इस बीमारी से मुक्ति मिल जाती है।
(5 )हल्दी चूर्ण के प्रतिदिन प्रातः -सायं गुनगुने दूध या जल के साथ सेवन करने से इस बीमारी का नाश हो जाता है।
(6 )बच चूर्ण के प्रतिदिन घी के साथ सेवन करने से इस बीमारी को दूर किया जा सकता है।
उपर्युक्त सारी औषधि अचूक एवं अनुभूत है।
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