rhinitis disease
नाक की एलर्जी या नेजल पॉलिप्स रोग :- नाक की एलर्जी या नेजल पॉलिप्स एक सामान्य बीमारी है ,जिसमें नाक के अंदर त्वचा में सूजन हो जाती है और श्वसन मार्गों के अंदरूनी परत का मांस बढ़ने लगता है। इसे नाक का नाकड़ा के नाम से भी जाना जाता है। नाक के अंदर का यह बढ़ा हुआ मांस दर्दरहित एवं कैंसर मुक्त होता है जो नाक के अंदर पानी की बूंद या अंगूरनुमा लटका हुआ रहता है। मांस के बढ़ जाने से साँस लेने में परेशानी, घ्राण शक्ति का ह्रास होना और नाक में बार - बार संक्रमण होने के कारण काफी मुश्किल स्थिति उत्पन्न हो जाना एक आम समस्या है। इसे नाक का बवासीर भी कहा जाता है।
लक्षण :- सिरदर्द,खर्राटे लेना,ठीक से स्वाद न महसूस करना,बहती नाक,भारीपन,गंध को ठीक से न सूंघ पाना,मुंह से साँस लेना,नाक की त्वचा में सूजन,मांस का बढ़ जाना लालिमा युक्त सूजन,साँस लेने में दिक्कत,बार - बार संक्रमण होना नाक की एलर्जी या नेजल पॉलिप्स रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- दमा रोग के कारण रहने वाली सूजन,बार - बार संक्रमण होना,एलर्जी,दवाओं व नशीले पदार्थों के प्रति संवेदनशील होना,प्रतिरक्षा प्रणाली के विकार आदि नाक की एलर्जी या नेजल पॉलिप्स के मुख्य कारण है।
उपचार :- (1) सूत्रनेति क्रिया द्वारा नाक का मांस बढ़ना रोग समाप्त हो जाता है।
(2) जलनेति क्रिया द्वारा भी नाक का मांस बढ़ना रोग दूर हो जाता है।
(3) प्याज के रस की दो - तीन बूंदें प्रतिदिन डालने से नाक का मांस बढ़ना ठीक हो जाता है।
(4) सेब का सिरका एक चम्मच एक कप पानी में डालकर प्रतिदिन सुबह -शाम सेवन करने से नाक का मांस बढ़ना समाप्त हो जाता है।
(5) पुदीने के तेल की दो - दो बूंदें प्रतिदिन नाक में डालने से नाक का मांस बढ़ना दूर हो जाता है।
(6) नीम्बू बाम पानी में डालकर गरारे करने से नाक का मांस बढ़ना ठीक हो जाता है।
(7) नीलगिरि के तेल की 4 - 5 बूंदें उबलते पानी में डालकर नश्य लेने से भी नाक का मांस बढ़ना दूर हो जाता है।