anemia disease

रक्ताल्पता या एनीमिया रोग :-रक्ताल्पता एक गंभीर बीमारी है,जो अधिकतर महिलाओं को होता है।रक्ताल्पता तब होता है जब शरीर के रक्त में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं या हीमोग्लोबिन नहीं होता है।हीमोग्लोबिन की मात्रा पुरुषों में 12 से 16 %और महिलाओं में 11 से 14 %के बीच होता है।महिलाओं में किशोरावस्था और रजोनिवृति के बीच की आयु में रक्ताल्पता सबसे अधिक होता है।रक्ताल्पता या एनीमिया की वजह से महिलाओं को अन्य बीमारियां होने की संभावना सबसे अधिक होती है।हीमोग्लोबिन के अणु में अनचाहे परिवर्तन आने से भी रक्ताल्पता के लक्षण परिलक्षित होते हैं।हमारे पूरे शरीर में हीमोग्लोबिन ही आक्सीजन को प्रवाहित करता है और इसकी संख्या में कमी आने से शरीर में आक्सीजन की आपूर्ति बाधित होती है फलस्वरूप व्यक्ति थकान एवं कमजोरी महसूस करता है।

रक्ताल्पता या एनीमिया के प्रकार --(1)हेमोलाइसिस एनीमिया ।

                                                (2)खून की कमी से होनेवाला एनीमिया ।

                                                (3)लाल रक्त की कमी के कारण एनीमिया ।

लक्षण :-थकान,कमजोरी,त्वचा का सफ़ेद या पीलापन दिखना, साँस लेने में परेशानी,चक्कर आना विशेष कर लेटकर एवं बैठकर उठने में,सीने में दर्द,चेहरे एवं पैरों में सूजन दिखाई देना,हाथ -पैरों का ठंडा होना,सरदर्द,नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी आदि रक्ताल्पता या एनीमिया के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण :-शरीर में रक्त काम होना,बीमारी पीलिया,शुगर,बुखार,खांसी,मलेरिया,कैंसर आदि,रक्त में लौह तत्त्व की कमी,गलत दवाओं का प्रयोग,लिवर का सही तरह काम न करना,पेट में इंफेक्शन,फोलिक एसिड की कमी,आनुवंशिक रूप में बचपन से,मासिक धर्म के कारण अत्यधिक रक्तश्राव,लौह तत्त्व वाली खाद्य पदार्थों का सेवन न करना,बार -बार गर्भ धारण करना आदि रक्ताल्पता या एनीमिया के मुख्य कारण हैं।

उपचार :- (1) मूली,गाजर,टमाटर,शलगम,खीरा,चुकंदर जैसी कच्ची सब्जियां प्रतिदिन खाने से एवं अंकुरित दालों व अनाजों के नियमित 

                   प्रयोग करने से रक्ताल्पता या एनीमिया की बीमारी दूर हो जाती है।

              (2) एक चम्मच तिल का बीज लेकर उसे पानी में भिगों दें और छानकर उसे कूटकर पेस्ट बनाकर उसमें एक चम्मच शहद मिलकर 

                    प्रतिदिन सुबह -शाम सेवन करने से कुछ ही दिनों में रक्ताल्पता या एनीमिया समाप्त हो जाती है।

              (3) एक गिलास सेब का रस लें उसमें एक गिलास चुकंदर का रस और उसमें थोड़ा सा शहद मिलकर प्रतिदिन सुबह -शाम सेवन 

                    करने से रक्ताल्पता या एनीमिया की बीमारी कुछ ही दिनों में नष्ट हो जाती है।

              (4) पके आम के गूदे को मीठे दूध के साथ प्रतिदिन सुबह -शाम सेवन करने से रक्ताल्पता की बीमारी दूर हो जाती है।

              (5) नाश्ते के 30 पहले 30 एम् एल एलोवेरा का जूस प्रतिदिन सुबह -शाम सेवन करने से रक्ताल्पता दूर हो जाती है।

              (6) अंजीर,अंगूर,किशमिश,आलूबुखारा,केले,निम्बू,संतरे,बादाम,सूखे खजूर,मूंगफली,अखरोट आदि फलों का प्रतिदिन सेवन से 

                    रक्ताल्पता या एनीमिया की बीमारी समाप्त  हो जाती है।


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