neuralgia disease
नसों में दर्द :- नसों में दर्द एक अतिसंवेदनशील एवं गंभीर रोग है,जो तंत्रिका तंत्र की क्षति एवं ख़राब तंत्रिका तंत्र के कारन होता है।यह दर्द अक्सर तेज एवं जलन वाले दर्द के समान होता है।यह कभी-कभी अपने आप ठीक भी हो जाता है ;किन्तु कई मामलों में दीर्घकालिक भी हो सकता है।नसों के दर्द को फैंटम लिंब सिंड्रोम भी कहा जाता है।जब चोट या किसी बीमारी की वजह से शरीर से एक हाथ या पैर को हटा दिया गया हो;किन्तु इसके बाद भी एक दुर्लभ स्थिति तब होती है जब मस्तिष्क को नसों के दर्द का संकेत मिलता है,जिसका मूल कारन हटाए गए अंग हों।नसों में तेज दर्द होने की वजह कोई बीमारी ही हो यह जरुरी नहीं है।शरीर के किसी अंग का लम्बे समय तक दबा रह जाना,कभी -कभी पैरों का सो जाना भी एक कारन हो सकती है।
लक्षण :-तीव्र दर्द,जलन या भोंकने जैसा दर्द होना,सूई चुभने जैसा एहसास होना,लम्बे समय तक असामान्य महसूस करना,सोने में कठिनाई,नींद न आना,सुन्न पड़ना और दर्द हाथों एवं पैरों में होना आदि नसों में दर्द के प्रमुख कारण हैं।
कारण :-दुर्घटनाएं,संक्रमण जैसे एचआईवी /एड्स,उपदंश,चिकनपॉक्स आदि,सर्जरी,बीमारी के कारण,विटामिन बी की कमी,रीढ़ की हड्डी में गठिया,थायराइड आदि नसों में दर्द के प्रमुख कारण हैं।
उपचार :-(1) मेथी के बीज को पानी में भिंगो कर एक -दो घंटे के बाद पीसकर पेस्ट बनाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से नसों का दर्द ठीक हो
जाता है।
(2) दो से तीन चम्मच नारियल तेल लेकर उसमें दो से तीन चम्मच कपूर का तेल मिलाकर गर्म कर प्रभावित क्षेत्र पर लगाकर मसाज
करने से नसों का दर्द ठीक हो जाता है।
(3) एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर डालकर मिला लें और गर्म कर पीने से नसों का दर्द समाप्त हो जाता है ।
(4) दो मुठ्ठी चावल की भूसी लेकर तवे पर गर्म कर एक मुलायम कपड़े में बांध कर सेंक लगाने से भी नसों का दर्द दूर हो जाता है ।
(5) लौंग के तेल की मालिश से भी नसों का दर्द समाप्त हो जाता है ।
(6) गर्म पानी से स्नान करने से भी नसों का दर्द दूर हो जाता है ।