chilblains disease
बिवाई रोग :- बिवाई रोग एक आम समस्या है,जो सर्दियों में अक्सर ठन्डे तापमान के कारण हो जाते हैं।इसमें ऐड़ियों के नीचे की बाहरी सतह की त्वचा कड़ी,सूखी एवं मोटी हो जाती है।कभी-कभी तो बिवाई इतनी गहरी एवं दरार युक्त हो जाती कि उनसे रक्त निकलने लगता है एवं चलने-फिरने में अत्यंत कष्ट होता है।बिवाई रोग अधिकतर पैरों में होता है;किन्तु हाथों में भी देखने को मिलता है।
लक्षण :- सूखी त्वचा,ऐड़ी की त्वचा में लालपन,गंभीर सूजन,ऐड़ी में दरारें,ऐड़ी से रक्त बहना,ऐड़ी में खुरदरापन,पैर में जलन आदि बिवाई रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- मोटापा,लगातार खाली पैर चलना,पसीने की निष्क्रिय ग्रंथियाँ,सूखी जलवायु में रहना,जूते पीछे से खुले हुए पहनना,मधुमेह,कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली,थायराइड,एक्जीमा,शुष्क त्वचा आदि बिवाई के मुख्य कारण हैं ।
उपचार :- (1) शहद की मालिश से बिवाई रोग ठीक हो जाता है ।
(2) सरसों के 100 ग्राम तेल में 50 ग्राम देशी मोम डालकर और उसमें कपूर चूर्ण डाल कर रख लें ।एक सप्ताह के सेवन से बिवाई
रोग ठीक हो जाता है।
(3) नारियल तेल के सेवन से भी बिवाई रोग ठीक हो जाता है ।
(4) केले के गूदे को बिवाई में लगाने से बिवाई रोग ठीक ही जाता है ।
(5) जैतून तेल की मालिश से भी बिवाई रोग ठीक हो जाता है ।
(6) एलोवेरा जेल लगाने से बिवाई रोग ठीक हो जाता है ।