atopic dermatitis disease
एटॉपिक डर्मेटाइटिस रोग : - एटॉपिक डर्मेटाइटिस त्वचा की एक गंभीर बीमारी है,जिसमें पीड़ित व्यक्ति की त्वचा को लाल बना देती है एवं उसमें बहुत अत्यधिक खुजली होती है। एटॉपिक डर्मेटाइटिस अधिकांशतः बच्चों में देखने को मिलता है ,किन्तु यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। यह एटॉपिक डर्मेटाइटिस एक जिद्दी किस्म का रोग है ,जो बहुत अधिक लम्बे अंतराल तक चलने वाली बीमारी है। साथ ही कभी तो ऐसा देखने को मिला है कि यह एटॉपिक डर्मेटाइसिस अत्यंत गंभीर रूप धारण पीड़ित व्यक्ति को बहुत कष्ट पहुंचाता है।इस बीमारी का आधुनिक चिकित्सा पद्धति में समुचित इलाज नहीं है ,किन्तु भारत की अत्यंत पुरातन,अतिगौरवशाली,अतिवैज्ञानिक आयुर्वेद में एटॉपिक डर्मेटाइटिस रोग का अत्यंत कारगर इलाज है,जो अत्यंत प्रामाणिक एवं निरापद है।
लक्षण :- खुश्क त्वचा ,भूरे रंग के पैच हाथों, पैरों,टखने,कलाई,गर्दन,ऊपरी छाती,पलकें,कोहनी,एवं घुटनों के हिस्से में, छोटे फोड़े जिसमें खरोंचने पर तरल पदार्थ का निकलना,त्वचा मोटी हो जाना,त्वचा में सूजन हो जाना आदि एटॉपिक डर्मेटाइटिस रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- त्वचा की सुरक्षा करने में अयोग्यता,आनुवांशिक कारण,हे फीवर,अस्थमा,पर्यावरणीय कारण,अत्यधिक मांसाहार का सेवन,विजातीय खाद्य पदार्थों का सेवन आदि एटॉपिक डर्मेटाइटिस रोग के मुख्य कारण हैं।
उपचार : - (1) एक किलो थूअर के रस में 250 ग्राम सरसों तेल मिलाकर एक कढ़ाई में डालकर धीमी आंच पर दो तीन घंटे तक गरम करें और जब तेल बच जाये तो उसे एक शीशी में रख लें और प्रतिदिन प्रभावित हिस्से पर लगाने से एटॉपिक डर्मेटाइटिस का नाश हो जाता है।
(2) सफ़ेद आक के 100 ग्राम छाया में सुखाये गए फूलों को को नारियल के तेल में डालकर धीमी आंच पर पकाएं और उसे एक शीशी में रख लें और प्रतिदिन प्रभावित हिस्से पर लगाने से एटॉपिक डर्मेटाइटिस रोग का समूल नाश हो जाता है।
(3) गुलाब जल में थोड़ा सा ग्लिसरीन मिलाकर लगाने से भी एटॉपिक डर्मेटाइटिस रोग का नाश हो जाता है।
(4) पेट्रोलियम जेली को प्रभावित हिस्से पर लगाने से एटॉपिक डर्मेटाइटिस दूर हो जाता है।
(5) एलोवेरा जेल को प्रतिदिन सुबह - शाम लगाने से एटॉपिक डर्मेटाइटिस रोग दूर हो जाता है।
(6) दूध में सूती कपडे को भिगों कर प्रभावित हिस्से पर रखें और आधे घंटे बाद हटा लें। ऐसा प्रतिदिन कुछ दिनों तक करने से एटॉपिक डर्मेटाइटिस दूर हो जाता है।
(7) शहद को प्रभवित हिस्से पर लगाएं और आध घंटा बाद धो लें। ऐसा प्रतिदिन कुछ दिनों तक करने से एटॉपिक डर्मेटाइटिस रोग दूर हो जाता है।
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