ear abscess disease
कान का फोड़ा या बहिकर्ण विद्रधि रोग :- कान का फोड़ा या बहिकर्ण विद्रधि रोग एक आम बीमारी है,जिसमें छोटी - छोटी सी विद्रधियाँ बनना एवं बड़ी होकर फूटने पर कान से पूय निकलने लगती है। यह अत्यंत पीड़ा देनी वाली स्थिति होती है। साधारणतः लोग इसे कान का बहना नहीं कहते हैं। इस रोग में कान से बहुत बदबू आती है और उस व्यक्ति के पास बैठना अत्यंत कठिन होता है। वास्तव एक साधारण सी बीमारी दिखने वाली कभी - कभी बहुत भयंकर रूप धारण कर लेती है और अत्यंत खतरनाक स्थितियां पैदा हो जाती हैं। इसलिए कान से पूय निकलने को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत चिकित्सक से उपचार करवाना चाहिए।
लक्षण :- कान में तीव्र पीड़ा,कान से पूय निकलना,कान के अंदर छोटे - छोटे फोड़ा का होना,कान में सूजन ,कान में भारीपन ,सुनने में दिक्कत आदि कान का फोड़ा या बहिकर्ण विद्रधि रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- कीटाणुओं का संक्रमण,खून में खराबी,त्वचा कटने एवं खुरचने के कारण,बैक्टीरिया का संक्रमण ,श्वसन संक्रमण आदि कान का फोड़ा या बहिकर्ण विद्रधि रोग के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) नीम की पत्तियों का रस कान में प्रतिदिन सुबह - शाम डालने से बहिकर्ण विद्रधि या कान का फोड़ा रोग ठीक हो जाता है।
(2) गेंदा के पत्तों का कान में डालने से कान का फोड़ा या बहिकर्ण विद्रधि रोग ठीक हो जाता है।
(3) अजवाइन के तेल की दो - तीन बूंदें कान में प्रतिदिन डालने से कान का फोड़ा या बहिकर्ण विद्रधि रोग ठीक हो जाता है।
(4) कदम्ब के फूलों का रस प्रतिदिन कान में डालने से कान का फोड़ा या बहिकर्ण विद्रधि रोग का नाश हो जाता है।
(5) सरसों के तेल में लहसुन की कलियाँ जलाकर ठंडा कर दो - तीन बूंदें कान में डालने से कान का फोड़ा या बहिकर्ण विद्रधि रोग शीघ्रता से दूर हो जाता है।
ठीक हो जाता है।
(6) गोमूत्र की कुछ बूंदें डालने से कान का फोड़ा रोग ठीक हो जाता है।