breast engorgement disease

स्तन अधिरक्तता रोग :- स्तन अधिरक्तता स्त्रियों में बच्चों को जन्म देने के उपरांत होने वाला एक स्तन रोग है,जो स्तनों में दूध की अधिकता से स्तन ठोस,सूजनयुक्त,गांठ वाला बना देता है।ऐसी स्थिति तब उत्पन्न होती है,जब स्तनों से बच्चों को पर्याप्त दूध नहीं पिलाया जाता है। यह बच्चों के जन्म से पूर्व या बाद में भी हो सकता है।यह स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ जाने के साथ - साथ स्तनों में रक्त प्रवाह अधिक हो जाने की स्थिति में दृष्टिगोचर होता है;किन्तु स्तन पान करने से कुछ दिनों में धीरे - धीरे बेहतर हो जाता है।

लक्षण :- स्तनों में सूजन,स्तन की यवाचा का लाल हो जाना,निप्पल का आकार छोटा हो जाना,बुखार होना,दूध का बहाव कम हो जाना,निप्पल में लकीरों का बन जाना,स्तन की त्वचा चमकदार हो जाना,दूध का बहाव कम हो जाना आदि स्तन अधिरक्तता रोग के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण :- स्तन पा नहीं कराना,स्तनों में दूध का अत्यधिक बनना,शिशु का दूध नहीं पीना,स्तन का प्रत्यारोपण,नियमित रूप से बने हुए दूध को नहीं हटाना,हार्मोनल असंतुलन आदि स्तन अधिरक्तता रोग के मुख्य कारण हैं।

उपचार :- (1) स्तन से दूध की अधिकता को पम्प की सहायता से निकालकर स्तन अधिरक्तता रोग को दूर किया जा सकता है।

(2) नियमित स्तनपान कराने से भी स्तन अधिरक्तता रोग दूर हो जाता है।

(3) स्तनों की बर्फ से सिकाई करने से स्तन की दूध की अधिकता के कारण सूजन एवं दर्द में राहत मिलती है।

(4) सूती एवं ढ़ीला ब्रा पहनने से स्तन अधिरक्तता रोग में बहुत आराम मिलता है।

(5) गुनगुने पानी में सूती कपड़े को भिंगों कर स्तनों पर 10 मिनट रखने से भी स्तन अधिरक्तता रोग दूर हो जाता है। 

(6) स्तन पान कराने से पहले स्तनों को हल्के गर्म सेंक दें जिसमें निप्पल मुलायम हो जाये और नवजात शिशु निप्पल से दूध पी सकें।


  बच्चों के रोग

  पुरुषों के रोग

  स्त्री रोग

  पाचन तंत्र

  त्वचा के रोग

  श्वसन तंत्र के रोग

  ज्वर या बुखार

  मानसिक रोग

  कान,नाक एवं गला रोग

  सिर के रोग

  तंत्रिका रोग

  मोटापा रोग

  बालों के रोग

  जोड़ एवं हड्डी रोग

  रक्त रोग

  मांसपेशियों का रोग

  संक्रामक रोग

  नसों या वेन्स के रोग

  एलर्जी रोग

  मुँह ,दांत के रोग

  मूत्र तंत्र के रोग

  ह्रदय रोग

  आँखों के रोग

  यौन जनित रोग

  गुर्दा रोग

  आँतों के रोग

  लिवर के रोग