cataract disease
मोतियाबिंद रोग :- मोतियाबिंद अधिक उम्र के व्यक्तियों के आँखों का रोग है,जिसमें आँखों के क्रिस्टलीय लेंस धुंधला एवं दूधिया हो जाता है।इस रोग से ग्रसित व्यक्ति के आँखों की देखने की शक्ति में कमी आ जाती है।कभी -कभी तो पूर्णरूपेण दृष्टि का क्षय हो जाता है।समय के साथ मणिभ लेंस तंतुओं के चयापचयी परिवर्तनों की वजह से मोतियाबिंद विकसित हो जाती है और दृष्टि कम या नष्ट हो जाती है।
प्रकार :- 1 सब्सेप्सुलर मोतियाबिंद:- यह लेंस के पीछे की ओर होनेवाला मधुमेह के रोगियों एवं स्टेरॉयड दवा का सेवन करने वालों को होता
है।
2 न्यूक्लियर मोतियाबिंद :- यह आमतौर पर उम्र बढ़ने पर होता है।
3 कॉर्टिकल मोतियाबिंद :-यह लेंस की परिधि में शुरू होकर धीरे -धीरे केंद्र की तरफ बढ़ती है।
लक्षण :- धुंधला दिखाई देना,अस्पष्टता,गाड़ी चलाते समय सामने वाली लाइट अधिक चमकदार दिखना आदि मोतियाबिंद के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- आँखों में चोट या सूजन,आँखों में स्थित क्रिस्टलीय लेंस का धुंधला एवं दूधिया हो जाना,आंखों में प्रोटीन का गुच्छन हो जाना,बढ़ता
उम्र, पराबैंगनी विकिरण,आनुवंशिक कारण,डायबिटीज,उच्च रक्तचाप,मोटापा,शराब का अधिक सेवन,धूम्रपान,स्टेरॉयड का प्रयोग
आदि मोतियाबिंद के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) सफ़ेद प्याज का रस एवं शहद समान भाग मिलाकर एक या दो बून्द आँखों में प्रतिदिन डालने से मोतियाबिन्द ठीक हो जाता है।
(2) मिटटी के नए पात्र में त्रिफला रात में डालकर भिगों दें और सबेरे आँखों को धोने से चार सप्ताह में मोतियाबिंद ठीक हो जाता
है।
(3) पालक,गाजर और चुकंदर के छोटे -छोटे टुकड़े करके एक ग्लास जल में डालकर धीमे आंच में उबालें आधा शेष रहने पर
छानकर उसमें एक चम्मच शहद डालकर पिने से मोतियाबिंद की बीमारी दूर हो जाती है ।
(4) विटामिन सी एवं ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से मोतियाबिंद ठीक हो जाती है ।
(5) केला,हरी पत्तीदार सब्जियों का अपने दैनिक जीवन में उपयोग करने से भी मोतियाबिंद की बीमारी में बहुत आराम मिलता है।
(6) सूरजमुखी के बीजों,बादाम एवं पालक को अपने भोजन में शामिल कर मोतियाबिन्द की बीमारी से बचा जा सकता है ।