achondroplasia disease
बौनापन या कद छोटापन की बीमारी :- कद का छोटापन आज के वर्तमान समय में एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में समाज में परिलक्षित होता है। बाल्यावस्था में एफजीएफआर - 3 नामक जीन में परिवर्तन से हड्डियों का बढ़ना अवरुद्ध हो जाने के कारण बौनापन की स्थिति बन जाती है। कद के छोटेपन से पुरुष एवं स्त्रियाँ दोनों ही आपने - आप में हीन भावना के शिकार होकर अत्यंत दुःखी महसूस करते हैं। कद छोटा होना या लम्बाई कम होने से मनुष्य अपना आत्म विश्वास खो देता है और अपने - आप को कमजोर समझने लगता है और किसी भी कार्य में सम्पूर्ण रूप से अपने आपको नहीं लगा पाता है ,नतीजन सफलता नहीं प्राप्त कर पाता है। सामान्यतः 4 फ़ीट 10 इंच एवं इससे कम ऊंचाई वाले को बौनापन की श्रेणी में रखा गया है। बौनापन में शरीर का सामान्य से कम आकार का होना,छोटे - छोटे हाथ पैरों का होना,सिर का आकार शरीर की अपेक्षा बड़ा एवं चौड़ा तथा नाक का चपटा होना आदि। वास्तव में कद का छोटापन होना एक गंभीर स्थिति है,जिससे प्रभावित व्यक्ति हर पल घुटता रहता है और अपने आप को कोसता रहता है ; किन्तु कद किसी भी प्रतिभा के लिए मोहताज नहीं होता और कद का छोटा व्यक्ति भी सब कुछ कर सकने में समर्थ हो पाता है। फिर भी आयुर्वेदिक स्वामी का कुछ सार्थक प्रयास है कि छोटे कद का व्यक्ति कुछ आयुर्वेदिक प्रयोगों के द्वारा आपने कद में कुछ इजाफा कर पाने में समर्थ हो सकता है।
लक्षण : - औसत आकार से कद कम होना,शारीरिक अंगों में असमानता,छोटा ढांचा,छोटी बाजुएं एवं टांग,चौड़ा और फूली हुई छाती,पिचके गाल,उम्र के हिसाब से लम्बाई कम होना,पीठ का झुकना,युवावस्था के लक्षणों में देरी,धीमी वृद्धि आदि बौनापन या कद के छोटेपन के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- माता - पिता का कद छोटा होना,आनुवंशिक कारण,टर्नर सिंड्रोम,ग्रोथ हार्मोन की कमी,पोषण की कमी,क्रोमोजोम का गायब होना,आंशिक या पूर्ण रूप से जीन की समस्याएं,ख़राब पोषण, संतुलित खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना आदि बौनापन या कद छोटापैन के मुख्य कारण हैं।
उपचार : - (1)अश्वगंधा पाउडर दो चम्मच नियमित रूप से दूध के साथ सेवन करने से कद बढ़ना शुरू हो जाता है और साथ ही हड्डियां भी मजबूत हो जाती है।
(2) मछली,दाल,अंडा,सोया मिल्क,सोयाबीन,मशरूम और बादाम आदि के नियमित सेवन से कद का छोटापन दूर हो जाता है
(3) सूखी नागौरी, अश्वगंधा की जड़ समान भाग पीसकर चूर्ण बना लें और समान भाग खांड मिलाकर रख लें। रात में सोते समय प्रतिदिन दो चम्मच गाय के दूध के साथ सेवन करने से कद बढ़ जाती है।
(4) दो ग्राम अश्वगंधा चूर्ण,दो ग्राम काला तिल,दो से चार खजूर 10 से 20 ग्राम घी के साथ एक महीने तक खाने से कद बढ़ना शुरू हो जाता है।
(5) विटामिन ए युक्त आहार जैसे पालक,गाजर चुकुन्दर,दूध,टमाटर आदि के नियमित सेवन से कद का बढ़ना शुरू हो जाता है।
(6) दो - तीन काली मिर्च,20 ग्राम मक्खन के साथ प्रतिदिन सेवन करने से कद का बढ़ना शुरू हो जाता है।
(7) खनिज से भरपूर आहार जैसे पालक,हरी बीन्स,ब्रोकली,गोभी कद्दू,गाजर,दाल,मूंगफली,केले,अंगूर और आड़ू आदि के सेवन से कद बढ़ जाता है।
(8) नियमित रूप से संतुलित खाद्य पदार्थों के सेवन से कुपोषण के दूर हो जाने से कद का बढ़ना शुरू हो जाता है।
प्राणायाम एवं योग : - अनुलोम - विलोम,कपालभाति,भ्रामरी,भस्त्रिका आदि।