encephalitis fever
मस्तिष्क ज्वर या मस्तिष्क शोथ:- मस्तिष्क ज्वर एक भयंकर कष्टप्रदायक रोग है ,जो इंसेफ्लाइटिस विषाणु के
कारण होता है।ये विषाणु अत्यंत सूक्ष्म होते हैं जो माइक्रोस्कोप से भी नहीं देखे जा सकते हैं।इस रोग का वाहक मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो विषाणु उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और लगभग चार से चौदह दिन के अंदर उस व्यक्ति में रोग के लक्षण दिखने लगते हैं।इसमें मस्तिष्क में अत्यधिक सूजन आ जाती हैं,जिससे इनके बीच भरे द्रव्य में दवाब पड़ने से सिर में भयंकर दर्द होता हैं।ये सभी लक्षण मस्तिष्क की सुरक्षा प्रणाली के क्रियाशील होने के कारण प्रकट होते हैं;क्योंकि सुरक्षा प्रणाली संक्रमण से मुक्ति पाने के लिए क्रियाशील हो जाती हैं।
लक्षण:-सिर दर्द,उल्टी होना,दौरे पड़ना,साँस लेने में कठिनाई,तीव्र ज्वर एवं ठण्ड लगना,गर्दन एवं रीढ़ की हड्डी में
अकड़न आदि मस्तिष्क ज्वर के सामान्य लक्षण हैं।
उपचार:- (1)कपूर दो ग्राम,चन्दन सफ़ेद गुलाब जल में घिसा हुआ दो ग्राम ,कतीरा गोंद दो ग्राम,कलमी शोरा दो
ग्राम,गुलबनफ्सा दो ग्राम,पोस्तादाना दो ग्राम,केसर एक ग्राम सबको कूट पीस कर गुलाब के सहारे
छोटी -छोटी गोली बना लें।सुबह -शाम खाने से मस्तिष्क ज्वर नष्ट हो जाता हैं।
(2)कुटकी का बारीक पिसा कपड़छान किया हुआ चूर्ण एक रत्ती लेकर शहद में मिलाकर चाटने से
मस्तिष्क ज्वर का नाश हो जाता हैं।
(3)पिप्पली चूर्ण शहद के साथ मिलाकर चाटने से मस्तिष्क ज्वर का नाश हो जाता हैं।
(4)बड़ी हरड़ का बकला पाँच ग्राम कूट पीस कपड़छान किया हुआ चूर्ण बराबर शहद की मात्रा में
मिलाकर चाटने से मस्तिष्क ज्वर का समूल नाश हो जाता हैं।
(5)तुलसी की पत्ती का स्वरस पाँच ग्राम या द्रोण पुष्पी गुमा का स्वरस पाँच ग्राम में पिसी हुईका काली
मिर्च का ढाई ग्राम मिलाकर खाने से मस्तिष्क ज्वर अवश्य नष्ट हो जाता हैं।
(6)अगस्त के पत्तों का रस निकालकर नश्य लेने से मस्तिष्क ज्वर नष्ट हो जाता हैं।