autism disease
आटिज्म,स्वलीनता ,आत्म विमोह रोग :-आटिज्म एक मस्तिष्कीय विकार की बीमारी है ,जो तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ियों के कारण होती है।इसका लक्षण जन्म से या बाल्यावस्था के पहले तीन वर्षों में ही दृष्टिगोचर होने लगता है।इसमें व्यक्ति की सामाजिक कुशलता और सम्प्रेषण दक्षता वाधित हो जाती है।जिन बच्चों में यह बीमारी होती है उनका विकास अन्य बच्चों से असामान्य होता है।वे देरी बोलते हैं ,वह अपने आप में खोये रहते हैं,एक बात को बार -बार दोहराते हैं ,स्वयं को नुकसान पहुंचाते हैं ;जैसे -सिर पटकना आदि,समन्वय की भी समस्याएं होतीं हैं, कुछ भी सीखने में और सामाजिक कार्य -कुशलता में पीछे रहते हैं और ऐसा जीवनपर्यन्त बना रहता है।
कारण:-(1 )आनुवंशिक ।(2 )पर्यावरणीय कारक (3 ) समय से पहले जन्म लेना।(4 )ज्यादा उम्र के माता-पिता से जन्म लेना।(5 )गर्भावस्था के दौरान माता का धूम्रपान या मद्यपान करना।(6 )रासायनिक असंतुलन के कारण आदि इस बीमारी के कारण हैं ।
उपचार:-(1 )आटिज्म की बीमारी में रोगी को ऊंटनी के दूध का सेवन करने से बहुत राहत मिलती हैं।
(2 )शतावर के चूर्ण के सेवन से भी इस बीमारी में बहुत फायदा होता हैं।
(3 )अश्वगंधा चूर्ण का सेवन प्रतिदिन सुबह शाम गुनगुने दूध के साथ करने से आशातीत फायदा होता हैं।
इसके साथ ही बच्चों का आक्युपेशनल थेरेपिस्ट ,स्पीच थेरेपी स्पेशल एडुकेटर के द्वारा ट्रेनिंग देने से रोगी में`सुधार होता हैं।