high blood pressure
उच्च रक्तचाप रोग :- आज की भागदौड़ से भरी जीवन शैली और अनियमित खान - पान,आहार - विहार,आरामदायक एवं परिश्रम रहित जीवन कई बीमारियों का आश्रय स्थल बन गया है। उनमें उच्च रक्तचाप एक गंभीर बीमारी है,जिसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है।इस रोग में रक्त वाहिकाओं की झिल्ली पर रक्त का दबाव बढ़ जाने से हृदय को अधिक कार्य करना पड़ता है। तात्पर्य रक्त का दबाव नसों,धमनियों एवं कोशिकाओं द्वारा हृदय तक जाने का समय घट जाता है। एक सामान्य वयस्क मनुष्य का रक्तचाप 120 / 80 mmHg होता है। जब इससे अधिक माप आता है तो उच्च रक्तचाप की स्थिति मानी जाती है। वैसे शारीरिक श्रम करने,व्यायाम करने,चलने - फिरने,शराब पीने,कुछ समय पहले कॉफी पीने के तुरंत बाद मापने पर इसमें अंतर आ जाता है।
लक्षण :- लगातार सिरदर्द,चक्कर आना,साँस लेने में परेशानी,अधिक क्रोध आना,नाक से खून आना,दोहरी दृष्टि,घबराहट आदि उच्च रक्तचाप के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण : - बढ़ती उम्र,कैफीन का अधिक सेवन,दर्द निवारक दवाओं का प्रयोग,आनुवांशिक,भोजन में नमक की मात्रा अधिक लेना,व्यायाम न करना,धूम्रपान,तनाव,गुर्दे की बीमारी,मधुमेह,कोलेस्ट्रॉल आदि उच्च रक्तचाप के मुख्य कारण हैं।
उपचार : - (1) भोजन में नमक की मात्रा प्रतिदिन कम लेने से उच्च रक्तचाप का रोग दूर हो जाता है।
(2) नोनी फल के जूस के प्रतिदिन सुबह - शाम खाली पेट कांच या चीनी मिट्टी के पात्र में 20 मिली लीटर सेवन करने से 100 % उच्च रक्तचाप ठीक हो जाता है। यह निःसंदेह प्रयोग करें क्योंकि यह रामबाण एवं निरापद है।
(3)दालचीनी पाउडर का प्रयोग एक चौथाई चम्मच प्रतिदिन सेवन करने से उच्च रक्तचाप ठीक हो जाता है।
(4) अर्जुन वृक्ष की छाल का काढ़ा प्रतिदिन सेवन करने से उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल एवं हृदय रोग दूर हो जाता है।
(5) लहसुन की तीन - चार कलियों को सुबह खाली पेट सेवन करने से उच्च रक्तचाप एवं कोलेस्ट्रॉल ठीक हो जाता है।
(6) मेथी एवं अजवाइन को रात में पानी में भिगों दें और सुबह सेवन करने से उच्च रक्तचाप दूर हो जाता है।
(7) त्रिफला 20 ग्राम रत में पानी में भिगों दें और सुबह छानकर एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से उच्च रक्तचाप ठीक हो जाता है।
(8) दूध में आधा या एक चम्मच हल्दी पाउडर एवं एक चौथाई दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने से उच्च रक्तचाप दूर हो जाता है।
(9) जटामांसी,ब्राह्मी और अश्वगंधा चूर्ण समान भाग मिलाकर एक- एक चम्मच दिन में तीन बार लेने से उच्च रक्तचाप की समस्या से राहत मिलती है ।
आसान एवं प्राणायाम :- अनुलोम - विलोम,कपालभाति,भस्त्रिका,ताड़ासन,पवन मुक्तासन,शलभासन आदि करने से उच्च रक्तचाप नियंत्रित होकर समाप्त हो जाता है।