celiac disease
सीलिएक रोग:-सीलिएक छोटी आंत का एक अत्यंत गंभीर आनुवांशिक रोग है।यह पाचन तंत्र सम्बन्धी समस्याएं पैदा करती हैं,जो मुख्य रुप से ग्लूटन के कारण होता है।ग्लूटन गेहूं,जौ,राई आदि में मिलनेवाला एक प्रोटीन है।ग्लूटन में कई तरह के तत्त्व होते है,जिनमें एक है ग्लियाडिन।ग्लूटन इसी ग्लियाडिन की वजह से खतरनाक एवं हानिकारक सिद्ध होता है।जब ग्लूटन सेंसिटिव व्यक्ति ग्लूटन प्रोडक्ट खाता है तो शरीर ग्लूटन को अपना दुश्मन समझता है और प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा रिएक्शन होता है।इस प्रकार सीलिएक रोग एक स्वप्रतिरक्षित विकार है। जिन्हें सीलिएक होता है वह ग्लूटन प्रोटीन को पूरी तरह पचा नहीं पाता और छोटी आंत की म्यूकोसा परत को नुकसान पहुँचता है और उनमें अत्यंत छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं ,इसलिए इसे लीके गट रोग भी कहा जाता है।ये छेद इतने छोटे होते हैं कि आसानी से इसका पता ही नहीं चलता।ग्लूटन से होने वाली समस्याएं निम्नलिखित हैं -(1) मुंह -अल्सर,गले में खराश ।(२)दिमाग -माइग्रेन,थकान,सिरदर्द,डिप्रेशन,भूख कि कमी ।(3) पेट -अपच,गैस,कब्ज,पेटदर्द । (4) छोटी आंत -सीलिएक बीमारी,डायरिया ।(5) बड़ी आंत -डायरिया,कब्ज,मलद्वार का सूजन ।(6) त्वचा -एक्जीमा,डर्मटाइसिस ।(7) ग्रोथ -लम्बाई और वजन कम होना।(8) इम्यून -प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना,बार-बार इन्फेक्शन होना ।
लक्षण:-पेट में सूजन या फुलाव,मितली एवं उल्टी,दस्त ,उदासी,चिड़चिड़ापन,कब्ज,लम्बाई कम होना,वजन नहीं
बढ़ना,डायरिया,हड्डियों की कमजोरी,असाधारण मल स्थूल,पतला एवं झागयुक्त आदि सीलिएक रोग के
प्रमुख लक्षण हैं।
कारण:- आनुवांशिक कारण,पर्यावरणीय करक,थायराइड के कारण,अल्सरेटिव कोलाइटिस,न्यूरोलॉजिकल
डिसऑर्डर,डायबिटीज आदि सीलिएक रोग के मुख्य कारण हैं।
उपचार:-(1) मकई,बाजरा,ज्वार और चावल जैसे खाद्य पदार्थों को अपने खान-पान में शामिल करने से सीलिएक की बीमारी से बचाव होता है।
(२) आलू,केला,साबूदाना,और गारबेंजो बीन्स के सेवन से सीलिएक की बीमारी से बच सकते हैं।
(3) ताजा मीट,मछली और पोल्ट्री चिकन के प्रयोग से सीलिएक रोग से बच सकते हैं।
(4) सब्जियां या सलाद के रूप में गाजर,मूली,प्याज,शकरकंद आदि चीजें जो जड़ के रूप में जमीन के अंदर पाए जाते हैं,का सेवन
कर सीलिएक रोग से बच सकते हैं।