brain stroke
मस्तिष्क का दौरा :- मस्तिष्क का दौरा एक अत्यंत घातक स्थिति होती है,जिसमें मस्तिष्क के हिस्से में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है एवं मस्तिष्क की रक्त वाहिका क्षतिग्रस्त हो जाती है।परिणामस्वरूप मस्तिष्क के ऊतकों में ऑक्सीजन एवं पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है,जिससे मस्तिष्क की कोशकाएँ मृत होना शुरू हो जाती है।वास्तव में यह एक गंभीर स्थिति हो जाती है और मस्तिष्क की क्षति,दीर्घकालिक विकलांगता एवं मृत्यु तक भी हो सकती है।मस्तिष्क का दौरा एक आपातकालीन स्थिति होती है,जिसमें तत्क्षण उपचार की आवश्यकता होती है।तत्काल उपचार न मिल पाने की स्थिति में जानलेवा सिद्ध हो सकती है।
प्रकार :- (1) क्षणिक (2) इस्केमिक -( i ) अन्तः शलयीय ( ii ) थ्रोम्बोटिक (3) रक्तस्रावी ।
लक्षण :- बोलने एवं समझने में दिक्कत,बोलने की गति धीमी हो जाना,चेहरे,बांह एवं पैरों में सुन्नता,कमजोरी महसूस करना,एक या दोनों आँखों से देखने में दिक्कतें या धुंधला दिखाई देना,अचानकभयंकर सिरदर्द,चक्कर आना,उल्टी आना आदि मस्तिष्क का दौरा के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- मस्तिष्क की धमनियां अवरुद्ध हो जाना,मस्तिष्क की धमनियों में रक्त का थक्का जम जाना,सिर में गंभीर चोट लगना,हृदय की विफलता,अनियंत्रित उच्च रक्तचाप,रक्त पतला करने वाली दवाओं का सेवन,धूम्रपान,अत्यधिक शराब का सेवन,उच्च कोलेस्ट्रॉल आदि मस्तिष्क का दौरा के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) जैतून का तेल,फल,नट्स एवं साबुत अनाजों के नियमित सेवन से मस्तिष्क के दौरे से बचा जा सकता है।
(2) एलोवेरा जूस के प्रतिदिन नियमित सेवन से मस्तिष्क का दौरा ठीक हो जाता है।
(3) संतुलित आहार जैसे- सब्जियां,फलों आदि के नियमित सेवन से मस्तिष्क का दौरा दूर हो जाता है।
(4) साबुत अनाज एवं उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से मस्तिष्क का दौरा ठीक हो जाता है।
(5) सप्ताह में दो बार मछली का सेवन करने से मस्तिष्क का दौरा ठीक हो जाता है।
(6) अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से मस्तिष्क का दौरा ठीक हो जाता है।
(7) दूध में एक चम्मच अर्जुन छाल का पाउडर डालकर चाय बनाये और छान कर उसमें एक चम्मच शहद डालकर नियमित रूप से सुबह -
शाम पीने से मस्तिष्क का दौरा ठीक हो जाता है।