wheat belly disease
गेहूँ की एलर्जी या वीट बेली रोग : - गेहूँ की एलर्जी एक अत्यंत कष्टप्रदायक रोग है,जिसमें व्यक्ति को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति की उम्र तो बढ़ती है किन्तु देखने में शारीरिक दृष्टि से अपने उम्र से बहुत ही कम उम्र का जान पड़ता है जो अत्यंत कष्टदायक स्थिति होती है। इसे वीट बेली एलर्जी रोग के नाम से भी जाना जाता है। कुछ लोग अपना वजन घटाने के लिए तरह - तरह के एतिहात बरतते हैं किन्तु उनकी तोंद निकल जाती है। यह वीट बेली एलर्जी जो गेहूँ का भक्षण की वजह से ही होता है। वास्तव में इस रोग की वजह से उन्हें अपच,दस्त,पेट फूलना,त्वचा से सम्बन्धी परेशानी होना आम बात है। इसके अतिरिक्त उन्हें खाने के बाद भी कमजोरी महसूस होती है और बहुत सुस्ती का अनुभव पीड़ित व्यक्ति करते हैं। वीट बेली रोग में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जरुरत से ज्यादा सक्रिय हो जाने के कारण कभी - कभी नुक़सान नहीं पहुँचाने वाले पदार्थों को हानिकारक समझ कर उसके प्रति प्रतिक्रिया करने लगती है और उसे समाप्त करने के लिए अपना प्रयास करना शुरू करने लगती है जिसके फलस्वरूप शरीर को नुक़सान होना ही इस रोग का मुख्य कारण है। इसे सीलिएक रोग के नाम से भी जाना जाता है।
लक्षण :- पेट में सूजन,साँस लेने में दिक्कत,पेट का फूला हुआ रहना,गैस का अधिक बनना,कब्ज,दस्त,थकावट महसूस होना,त्वचा सम्बन्धी समस्या,डिप्रेशन,वजन का घटना,जी घबड़ाना,त्वचा पर दाने की तरह या पित्ती जैसा उभर आना,सिरदर्द,उल्टी,गले में सूजन,गले और मुंह में जलन,आँखों से पानी आना आदि गेहूं की एलर्जी रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण : - गेहूं में मौजूद प्रोटीन तत्त्व,ग्लूटेन के कारण,ग्लियाडिन के कारण, प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना,आनुवंशिक कारण आदि गेहूं की एलर्जी रोग के मुख्य कारण हैं।
उपचार : - (1) नीम्बू का एक चम्मच रस एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से इम्यून सिस्टम अत्यंत शक्तिशाली होकर वीट बेली रोग या गेहूं की एलर्जी रोग से बचा जा सकता है।
(2) नीम की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें और उस पेस्ट की छोटी - छोटी गोलियां बनाकर रख लें और प्रतिदिन इसे शहद में डुबाकर सुबह खाली पेट निगल लेने से गेहूं की एलर्जी या वीट बेली रोग का नाश हो जाता है।
(3) गेहूं के अतिरिक्त अन्य अनाजों का सेवन करने से वीट बेली रोग या गेहूं की एलर्जी से निजात पा सकते हैं।
(4) तुलसी का रस एक चम्मच,गिलोय का रस एक चम्मच मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से वीट बेली रोग या गेहूं की एलर्जी रोग से मुक्ति प् सकते हैं।
(5) गुनगुने जल में तुलसी रस,नीम्बू रस,काली मिर्च चूर्ण एवं शहद डालकर पीने से भी वीट बेली रोग से बच सकते हैं।
(6) एलोवेरा जूस के प्रतिदिन सेवन से भी वीट बेली रोग या गेहूं की एलर्जी से बचा जा सकता है।
(7) गाजर,चुकुन्दर और खीरे का जूस मिलाकर प्रतिदिन सेवन करना अत्यंत लाभप्रद है।
(8) एक चौथाई हल्दी पाउडर और आधा चम्मच आंवला चूर्ण मिलाकर प्रतिदिन सुबह शाम सेवन करने से वीट बेली रोग या गेहूं की एलर्जी से बचा जा सकता है।
(9) गेहूं के सेवन नहीं करने से भी इस बीमारी को रोका जा सकता है।
योगासन एवं प्राणायाम :- अनुलोम- विलोम,कपालभाति, भ्रामरी आदि।