cervical cancer
गर्भाशय ग्रीवा कर्कट रोग :- गर्भाशय ग्रीवा कर्कट रोग महिलाओं को होने वाला एक घातक रोग है,जिसे बच्चेदानी का कैंसर या सर्वाइकल कैंसर के नाम से भी जाना जाता है।यह आज वर्तमान समय में एक भयंकर बीमारी के रुप में अपना पाँव पसार रही है।बच्चेदानी का मुख गर्भाशय ग्रीवा के रुप में भी जाना जाता है,जो योनि को गर्भाशय से जोड़ता है।इसके दो मुख्य भाग हैं-(1) अंतर्गर्भाशय ग्रीवा और (2) बहिर्जरायुग्रीवा।
गर्भाशय ग्रीवा कर्कट रोग की कई अवस्थाएं होती हैं-(1) प्रथम अवस्था में यह कैंसर बच्चेदानी के मुख तक ही सीमित रहता है।(2) दूसरी अवस्था में कैंसर बच्चेदानी के मुँह से आगे पहुँच जाता है।(3) तीसरी अवस्था में कैंसर योनि के निचले हिस्से या श्रोणि दीवार तक पहुँच जाता है।(4) चौथी अवस्था में कैंसर मूत्राशय एवं मलाशय अथवा शरीर के अन्य भागों तक फ़ैल जाता है।
कारण:- पहला कारण तो माहवारी के समय होने वाला इन्फेक्शन है,जो साफ- सफाई का ध्यान नहीं रखती है या एक ही सेनेटरी पैड का इस्तेमाल लम्बे समय तक करने के होता है।कुछ दवाओं जैसे गर्भ निरोधक गोलियों का लगातार इस्तेमाल भी कारण हो सकता है।कम उम्र में शादी,कई लोगों के साथ शारीरिक सम्बन्ध,जेनेटिक अथवा आनुवंशिक कारण,गर्भावस्था,मोटापा आदि प्रमुख कारण हैं।
लक्षण:- पेट में दर्द,थकान व कमजोरी,पीठ के निचले भाग में लगातार दर्द रहना,मीनोपॉज के बाद अकस्मात् रक्तस्राव शुरु हो जाना,यूरिन के साथ रक्त आना,भूख पर नियंत्रण न रख पाना,मलत्याग के समय दर्द होना,आदि गर्भाशय ग्रीवा कर्कट रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
उपचार:- (1) हल्दी,दारू हल्दी एवं अम्बा हल्दी सबको समान मात्रा में लेकर कूट पीस कपड़छान कर रख लें और
प्रतिदिन एक चम्मच ताजे जल या दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से गर्भाशय ग्रीवा कर्कट रोग
का नाश हो जाता है।
(2) बारडॉक रुट,जो इंफ्लेमेंटरी गुणों से भरपूर होते हैं ;के सेवन से गर्भाशय ग्रीवा कर्कट रोग का नाश
हो जाता है।
(3) सिंहपर्णी की जड़ के पाउडर को दो चम्मच तीन कप पानी में उबालें और ठंडा कर दिन में दो बार
सुबह-शाम पीने से यह बीमारी दूर हो जाती है।
(4) लहसुन का रस आधा चम्मच और अदरक का रस आधा चम्मच मिलाकर सुबह-शाम पीने से यह
बीमारी नष्ट हो जाती है।
(5) ग्रीन टी में एपीगैलोकैटेयिन की मात्रा बहुतायत में होतीं है,जो गर्भाशय ग्रीवा कर्कट या कैंसर रोग दूर
होते हैं।