hay fever
परागज ज्वर :- परागज ज्वर एक एलर्जिक रोग है,जो पराग के एलर्जी के कारण होता है।इसमें एलर्जी के कारण नाक के वायु मार्गों में प्रदाह होता है।नाक की श्लेष्मा कला जब पौधों के पराग के कारण प्रभावित होती है तो व्यक्ति के नाक में खुजली,आँखों से पानी गिरना,छींके आना शुरु हो जाता है और बुखार आ जाता है।चूँकि यह पराग के कारण होता है,इसीलिये इसे परागज ज्वर कहा जाता है।इसे स्वर्ण दंड ज्वर या गुलाब ज्वर के नाम से भी जाना जाता था।
लक्षण :- एलर्जी के कारण आँखों में खुजली,पानी आना,छींक आना,आँखों के आसपास,काले घेरे,कान का दर्द,गंध न सूंघ पाना,आँखें लाल होना,नाक मार्ग में बढ़ा,बुखार आना आदि परागज ज्वर प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- पौधों के फूलों का पराग ,घर की धूल,पालतू या अन्य जानवर की वजह आदि परागज ज्वर के मुख्य लक्षण हैं।
उपचार :- (1) तुलसी के पत्ते की चाय बना कर पीने से परागज ज्वर ठीक हो जाता है।
(2) गेंदा के पौधे के पचांग की चाय सुबह - शाम पीने से परागज ज्वर की एलर्जी के ठीक हो जाने से परागज ज्वर ठीक हो जाता है।
(3) भूमि आंवला के पौधे के पंचांग की चाय पीने से सभी प्रकार के ज्वरों का नाश हो जाता है।
(4) हरसिंगार के फूल,दो - तीन पत्ते एवं तुलसी के पत्ते की चाय पीने से एलर्जी से उत्पन्न परागज ज्वर ठीक हो जाता है।
(5) तेजपात के पत्तों के साथ तुलसी के पत्तों को मिलकर का काढ़ा पीने से परागज ज्वर ठीक हो जाता है।
(6) अश्वगंधा पाउडर को दूध में मिलाकर प्रतिदिन सुबह - शाम सेवन करने से परागज ज्वर ठीक हो जाता है।
(7) दालचीनी पाउडर को गरम जल में थोड़ा सा डालकर पीने से परागज ज्वर ठीक हो जाता है।
(8) हल्दी पाउडर का सेवन एक या आधी चम्मच गर्म जल में डालकर पीने से परागज ज्वर ठीक हो जाता है।
(9) महासुदर्शन चूर्ण के सेवन से परागज ज्वर ठीक हो जाता है।