fatty liver disease

फैटी लिवर रोग :- फैटी लिवर रोग एक सामान्य रोग है,जो लिवर में अतिरिक्त वसा के बढ़ जाने के कारण होता है।वैश्विक दृष्टि से यह बीमारी एक व्यापक स्तर पर पाया जाता है।औसतन प्रति 10 लोगों में एक व्यक्ति फैटी लिवर से ग्रसित पाए जाते हैं।अनुचित आहार- विहार एवं खान-पान फैटी लिवर के मुख्य कारण हैं।जंक एवं फ़ास्ट फ़ूड के बढ़ते चलन ने भी इस बीमारी को ज्यादा प्रश्रय दिया हैं।ज्यादातर लोगों में अल्कोहल का सेवन अत्यधिक करने के कारण फैटी लिवर की समस्या पायी गई है साथ ही मोटापा भी इसका एक मुख्य कारण के रूप देखने को मिलता है।इसे यकृत स्टीटोसिस के नाम से भी जाना जाता जाता है।

प्रकार :- फैटी लिवर दो प्रकार के होते हैं -(1)एल्कोहॉलिक फैटी लिवर रोग  (2) नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर रोग 

लक्षण :- लिवर में सूजन,थकान,वजन में कमी,पेट सम्बन्धी विकार,मितली,पेट दर्द,भूख में कमी,पीलिया रोग हो जाना,लिवर का माप बड़ा हो जाना,पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना,आदि फैटी लिवर के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण :- मधुमेह,शराब का अत्यधिक सेवन,उच्च रक्त चाप,आनुवांशिक कारण,मोटापा,कुपोषण,धूम्रपान,अत्यधिक नींद लेना,तली-भुनी एवं तेल अधिक खाना,हाई ब्लड शुगर,हेपटाइटिस B या C ,अस्वस्थ खान-पान और सुस्त जीवन शैली आदि फैटी लिवर के मुख्य कारण हैं।

उपचार :- (1) भूमि आंवला एवं गिलोय स्वरस के प्रतिदिन सेवन करने से फैटी लिवर रोग ठीक हो जाता है।

              (2 ) हल्दी पाउडर के सेवन से भी फैटी लिवर ठीक हो जाता है।

              (3) चुकुन्दर रस के सेवन प्रतिदिन करने से फैटी लिवर रोग ठीक हो जाता है।

              (4) जैतून के तेल का सेवन से भी फैटी लिवर ठीक हो जाता है।

              (5) सेब के रस का सेवन प्रतिदिन करने से भी फैटी लिवर रोग का नाश हो जाता है।

              (6) ताजे चकोतरे का रस पीने से भी फैटी लिवर रोग दूर हो जाता है।

              (7) करेले का रस प्रतिदिन पीने से फैटी लिवर रोग ठीक हो जाता है ।

              (8 ) अंकुरित अनाज खाने से भी फैटी लिवर रोग ठीक हो जाता है।

              (9) ग्रीन टी के सेवन से भी फैटी लिवर रोग ठीक हो जाता है।

              (10 ) संतुलित आहार का सेवन भी फैटी लिवर रोग से बचाता है। 


hepatistis disease

यकृत शोथ या हेपेटाइसिस:-यकृत शोथ या हेपेटाइसिस यकृत को नुकसान पहुंचाने वाला एक बहुत ही गंभीर एवं खतरनाक बीमारी है।वायरल संक्रमण या अल्कोहल पदार्थों के सेवन के कारण यकृत में सूजन आ जाती है,जो आगे चलकर पीलिया का रूप ले लेता है और दीर्घ काल के पश्चात् हेपेटाइसिस में परिवर्तित होकर जानलेवा सिद्ध होती है। हेपेटाइसिस के कई प्रकार हैं: -1. हेपेटाइसिस ए-यह हेपेटाइसिस ए वायरस के कारण होता है,जो मुख्यतः मल संदूषण के माध्यम से फैलता है।                                                                                                        2.हेपेटाइसिस बी -यह हेपेटाइसिस बी वायरस के कारण होता है,जो रक्त और शरीर से निकलने वाले संक्रमित स्रावों; जैसे-वीर्य और योनि के तरल पदार्थों में पाया जाता है।आमतौर पर यह असुरक्षित यौन सम्बन्ध,इंजेक्शन का दोबारा प्रयोग एवं विशेष कर ड्रग्स लेने वालों को होता है।3.हेपेटाइसिस सी-यह हेपेटाइसिस सी वायरस की वजह से होता है,जो संक्रमित व्यक्ति के रक्त,लार,वीर्य और योनि से निकलने वाले तरल पदार्थों के कारण होता है।                            4.एल्कोहॉलिक हेपेटाइसिस-कई सालों तक लगतार अधिक मात्रा में शराब के सेवन से लिवर को नुकसान पहुँचता है जो कालांतर में यकृत शोथ या हेपेटाइसिस का कारण बनती है।      5.हेपेटाइसिस डी-यह हेपेटाइसिस डी वायरस के कारण होता है,जो हेपेटाइसिस बी से ग्रसित होते हैं।.                                                                                                                 6.हेपेटाइसिस इ-यह हेपेटाइसिस इ वायरस के कारण होता है,जो मुखगत या मल संदूषण द्वारा फैलता है।.                                                                                                        7.ऑटोइम्यून हेपेटाइसिस -यह शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने की वजह से होता है।

लक्षण:-मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द,उच्च तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट या अधिक,अस्वस्थता का अनुभव करना,सिरदर्द,आँखों और त्वचा का पीलापन,यक्रिय शोथ,डिप्रेशन,पीलिया का हो जाना,हर वक्त थकान महसूस करना आदि यकृत शोथ या हेपेटाइसिस के प्रमुख लक्षण हैं।

उपचार:-(1)250 ग्राम पपीते के रस के साथ शहद को मिलाकर सुबह -शाम पीने से या पपीतों की छोटी -छोटी फांकें काटकर एक सफ्ताह के लिए सिरके में डुबों दें और दो सफ्ताह बाद सुबह -शाम एक से चार फांक खाने से हेपेटाइसिस या यकृत शोथ का नाश हो जाता है। (2)वंग भस्म रत्ती भर लेकर घी के साथ खाने से यकृत शोथ या हेपेटाइसिस नष्ट हो जाती है। (3)तुलसी स्वरस दो -तीन चम्मच दिन में तीन -चार बार पीने से यकृत शोथ का नाश हो जाता हैैl  (4)बथुए की सब्जी एवं बथुआ उबालकर उसका पानी पीने से यकृत शोथ नष्ट हो जाता है।

 

 

 


liver cirrhosis

लिवर सिरोसिस:-लिवर मानव शरीर के अतिमहत्त्वपूर्ण अंगों में से एक है।इनका मुख़्य कार्य भोजन को पचाना,पित्त का उत्पादन,खून की सफाई और मल त्याग में मदद करना आदि है।लिवर सिरोसिस एक बेहद खतरनाक स्थिति है,जो कैंसर के बाद सबसे गंभीर बीमारी होती है।इसमें बड़े पैमाने पर लिवर की कोशिकाएँ नष्ट हो जाती है और उनके स्थान पर फाइवर तंतुओं का निर्माण हो जाता है।यकृत की बनावट असामान्य हो जाती है और लिवर का आकार सिकुड़ने लगता है और उसमें कठोरता आने लगती है। लिवर सिरोसिस की तीन अवस्थाएं हैं                                                                                                                                         

1.इस अवस्था में शरीर बेवजह थकान महसूस करने लगता है,वजन घटने लगता है और पाचन सम्बन्धी दिक्क्तें शुरू होने लगता है।

2.इस अवस्था में रोगी को बार -बार चक्कर आने लगता है और उल्टी होने लगती है,खाने का मन नहीं करता है और बुखार बना रहता है।   

3.अवस्था में खून की उल्टी शुरू हो जाती है,बेहोशी की हालत हो जाती है और मामूली सी चोट लगने पर खून नहीं रुकता है।यह अंतिम अवस्था होती है और लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपाय रह जाता है।

लक्षण:-व्यक्ति का स्वयं बीमार महसूस करना,भूख काम लगना,वजन में में कमी या अचानक बढ़ जाना,थकान,लाल -लाल चकत्ते का निशान होना,त्वचा एवं आँखों का रंग पीलापन युक्त होना,त्वचा में खुजली होना,एड़ी के जोड़ों पर एडिमा होना,सूजन होना तथा पैर और पेट में भी सूजन के लक्षण,मूत्र का रंग भूरा या संतरे के रंग का होना,मल का रंग बदल जाना,भ्रम जैसी स्थिति का होना,मल में रक्त आना,बुखार होना आदि लिवर सिरोसिस के प्रमुख लक्षण हैं। 

उपचार:-(1) हल्दी,दारू हल्दी,बच,असगंध सबको समान भाग लेकर कूट पीस कपड़छान कर चूर्ण बना कर प्रतिदिन रात में सोने से पहले एक चम्मच दूध में मिलाकर पिने से लिवर सिरोसिस की बीमारी दूर हो जाती है।  (2)एक गिलास जल में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर और शहद मिलाकर दिन में तीन बार पिने से लिवर सिरोसिस की बीमारी नष्ट हो जाती है।(3)गाजर और पालक के रस का मिश्रण पिने से भी लिवर सिरोसिस में बहुत आराम होता हैl4)दो चम्मच पपीते के रस में आधा चम्मच निम्बू का रस मिलाकर पीने से लिवर सिरोसिस की बीमारी नष्ट होती है।(5)आंवला एवं भुई आंवला का सेवन प्रतिदिन करने से लिवर सिरोसिस नष्ट हो जाती है।


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