dantodabhedak
दन्तोदभेदक रोग : - दन्तोदभेदक बच्चों की एक सामान्य बीमारी है,जो बच्चों के दाँत निकलते समय होता है। यह रोग शिशु के लिए अत्यंत पीड़ादायक होता है। इसके अंतर्गत कई तरह की परेशानियों का सामना बालकों को करना पड़ता है। जैसे - ज्वर,दस्त,खांसी,मस्तक पीड़ा,नेत्र पीड़ा,इत्यादि। दन्तोदभेदक रोग के कारण बच्चों का अत्यंत दुर्बल हो जाना,चिड़चिड़ापन आ जाना,बहुत रोना,जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। उसे दस्त पानी जैसा बार - बार आना,दूध की उल्टी करना,सोते - सोते जगकर रोने लगना जैसी परशानियाँ होती हैं।
लक्षण :- ज्वर,दस्त,मस्तक पीड़ा,नेत्र पीड़ा,मस्तक की खाल सिकुड़ जाना,उल्टी, मल - मूत्र का अवरोध,पेट का फूल जाना,जीभ निकालना,अत्यधिक रोना आदि दन्तोदभेदक रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण : - मल - मूत्र का अवरोध,कैल्सियम की अल्पता,शारीरिक दुर्बलता,संतुलित पोषक पदार्थों का सेवन नहीं करना,माता को पोषक खाद्य पदार्थों का न मिलना,माता की शारीरिक दुर्बलता आदि दन्तोदभेदक रोग के मुख्य कारण हैं।
उपचार : - (1) चूना और शहद मिलाकर बालक के दाँतों के मसूड़ों पर मलने से दाँत शीघ्रता से आते हैं और दाँतों के निकल आने से और बीमारियों से राहत मिल जाती है ।
(2) बच्चों के गले में सीप लटकाने से भी दाँत शीघ्रता से आते हैं ।
(3) काकड़ासिमी,अतीस,नागरमोथा,एवं पीपर समान भाग लेकर बारीक कूट पीस कपड़छान कर चूर्ण बनाकर शहद में मिलाकर बच्चों को चटाने से दन्तोदभेदक रोग दूर हो जाता है।
(4) तुख्म काहू,दाना पोस्त बारीक कूट पीस कपड़छान कर उसमें थोड़ी सी शक्कर मिलाकर बच्चों को पिलाने से दाँत आने में सहूलियत होती है एवं परेशानी नहीं होती है।
(5) अनार की मुंह बंद कली 10 ,1 माजूफल,1 जायफल,केशर 3 माशा,3 माशा अफीम,सबको कूट पीस कपड़छान कर अदरक स्वरस के साथ सरसों प्रमाण गोली बनावें और यह गोली बच्चों को दाँतों के कारण होने वाले दस्त में अत्यंत लाभकारी है।
(6) सफ़ेद कमल की केशर बारीक पीसकर मिश्री मिलाकर शहद के साथ चटाने से बच्चों को दाँत आते समय की परेशानियों से निजात मिल जाती है।
(7) दरियाई नारियल की गरी को आरक गुलाब में रगड़कर थोड़ी - थोड़ी देर में पिलाने से दाँतों के आने के कारण समस्त परेशानियों से मुक्ति दिलाती है।