sydenham chorea disease
अंगों पर काबू खोने का रोग(सिडेन्हम कोरिया रोग) :- अंगों पर काबू खोने का रोग एक बहुत ही गंभीर तंत्रिका रोग है।इसमें रोगी के शरीर का एक ओर के अंग हिलने लगता है जो दिमाग से नियंत्रण समाप्त होने के कारण ऐसा होता है।इस बीमारी के गंभीर होने की दशा में हृदय के वाल्व तक क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।इस रोग से ग्रसित व्यक्ति के शरीर विशेषकर चेहरा,हाथ एवं पैर में तेज,अनियंत्रित और बिना किसी कारण के हरकत शुरू हो जाती है।यह एक अत्यंत दुर्लभ तंत्रिका तंत्र विकार है।प्रारम्भ में इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं पड़ते हैं किन्तु इन्फेक्शन होने के छः महीने के बाद रोगी जब गंभीर रूप से ग्रसित होकर बीमार हो जाता है तब इसका पता चलता है।आयुर्वेद के अलावा किसी भी चिकित्सा पद्धति में इसका इलाज नहीं है।इस बीमारी को सिडेन्हम कोरिया,कोरिया माइनर,रुमेटिक कोरिया,सेंट वाइटस डांस और सिडेन्हम डिजीज के नाम से भी जाना जाता है।
लक्षण :-गले में सूजन,जोड़ों में सूजन,मांसपेशियों में कमजोरी,व्यवहार में परिवर्तन,बुखार आना,जोड़ों में दर्द आदि अंगों पर काबू खोने के रोग के सामान्य लक्षण हैं।
कारण :-हेल्दी कोशिकाओं का क्षय,रुमेटिक बुखार होने के कारण,मस्तिष्क में सूजन,आनुवांशिक कारण आदि अंगों पर काबू खोने के रोग के प्रमुख कारण हैं।
उपचार :- (1) अश्वगन्धा पाउडर एक चम्मच लेकर एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर एक-दो महीने तक पीने से अंगों पर काबू खोने के रोग का नाश हो जाता है।
(2) त्रिफला,त्रिकूट और जटामांसी सबको सामान भाग लेकर कूट पीस कर चूर्ण बना लें और प्रतिदिन सुबह -शाम ताजे जल के साथ सेवन एक महीना तक करने से अंगों पर काबू खोने का रोग दूर हो जाता है।
(3) बच चूर्ण का देशी घी के साथ सेवन करने से सिडेन्हम कोरिया रोग दूर हो जाता है।
(4) शतावर,ब्राह्मी के सेवन से भी सिडेन्हम कोरिया रोग दूर हो जाता है।
(5) द्राक्षा,पेठा,आंवला,हींग आदि के सेवन से भी सिडेन्हम कोरिया रोग में बहुत फायदा होता है।