turbinate hypertrophy disease

नाक की हड्डी बढ़ने का रोग : - नाक के अंदर हड्डी का बढ़ जाना एक अत्यंत कष्टकारी या कष्टप्रद समस्या है,जो नाक के अंदर वायुमार्ग की सतह में टर्बिनेट नामक एक लम्बी बनावट में वृद्धि के कारण होती है। आम भाषा में इसे नाक की हड्डी बढ़ना कहा जाता जाता है। नाक के अंदर तीन एवं कई लोगों में चार टर्बिनेट पाए जाते हैं। ज्यादातर लोगों में तीन ऊपरी,माध्यम एवं निचले टर्बिनेट होते हैं। जब निचले टर्बिनेट की सूजन ठीक नहीं होती है,इसे ही नाक की हड्डी बढ़ना कहा जाता है। फलस्वरूप साँस लेने में परेशानी एवं खर्राटे लेने जैसी समस्या होती है।

नाक की हड्डी बढ़ने के प्रकार :- 

(1) नेजल साइकल : - इसमें नाक के एक तरफ के टर्बिनेट चार - छः घंटे के लिए सूज जाती है और ठीक होने पर दूसरी तरफ के टर्बिनेट सूजने लगती है। 

(2) क्रोनिक : - लम्बे समय तक टर्बिनेट में इन्फेक्शन या सूजन रहने के कारण लगातार बढ़ता रहता है। 

लक्षण : - साँस लेने में दिक्कत,इन्फेक्शन,नाक से खून आना,मौसमी एलर्जी,नाक के निचले टर्बिनेट में सूजन एवं सिकुड़न,खर्राटे लेना,नाक बहना,चेहरे में हल्का दर्द,घ्राण शक्ति काम होना,नाक बंद होना आदि नाक की हड्डी बढ़ने के रोग के प्रमुख लक्षण हैं। 

कारण : - लम्बे समय तक साइनस की सूजन,मौसम में होने वाली एलर्जी,शरीर के तापमान में परिवर्तन, गर्भावस्था,उम्र बढ़ना,जन्मजात समस्या,सर्दी - जुकाम,धूम्रपान आदि नाक की हड्डी बढ़ने के रोग के मुख्य कारण हैं। 

उपचार :- (1) प्याज के रस की दो - तीन बूंदें प्रतिदिन सुबह - शाम नाक में डालने से साइनस या वायु विवर शोथ रोग ठीक हो जाता है। 

(2) सहजन की फली से रस या सूप निकालें और उसमें अदरक लहसुन,प्याज एवं काली मिर्च डालकर काढ़ा बनाकर पीने से साइनस या वायु विवर शोथ रोग हमेशा के लिए ठीक हो जाती है। 

(3) मेथी के दो चम्मच दाने को पानी में उबालकर प्रतिदिन सुबह - शाम सेवन करने से साइनस की बीमारी ठीक हो जाती है। 

(4) नमक,बेकिंग सौदे का इश्तेमाल नाक की धुलाई में करने से साइनस की बीमारी समाप्त हो जाती है। 

(5) पालक के प्रयोग द्वारा भी साइनस की समस्या समाप्त हो जाती है। 

(6) एक कप पानी में एक चम्मच सेब के सिरके के सेवन से भी साइनस की समस्या ठीक हो जाती है। 

(7) टमाटर एवं लहसुन डालकर सूप बनाकर उसमें काला नमक डालकर पीने से साइनस की समस्या दूर हो जाती है। 

(8) चकोतरा के रस की 10 बूंदों को एक बड़ा कप पानी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह - शाम पीने से साइनस की समस्या से निजात मिल जाती है। 

(9) गाय के घी की दो - तीन बूंदें नाक में प्रतिदिन डालने से साइनस या वायु विवर शोथ दूर हो जाता है। 

(10) सरसों तेल की दो - तीन बूंदें नक् में प्रतिदिन डालने से साइनस रोग ठीक हो जाता है। 


  बच्चों के रोग

  पुरुषों के रोग

  स्त्री रोग

  पाचन तंत्र

  त्वचा के रोग

  श्वसन तंत्र के रोग

  ज्वर या बुखार

  मानसिक रोग

  कान,नाक एवं गला रोग

  सिर के रोग

  तंत्रिका रोग

  मोटापा रोग

  बालों के रोग

  जोड़ एवं हड्डी रोग

  रक्त रोग

  मांसपेशियों का रोग

  संक्रामक रोग

  नसों या वेन्स के रोग

  एलर्जी रोग

  मुँह ,दांत के रोग

  मूत्र तंत्र के रोग

  ह्रदय रोग

  आँखों के रोग

  यौन जनित रोग

  गुर्दा रोग

  आँतों के रोग

  लिवर के रोग