sleep paralysis disease

निंद्रा लकवा या नींद पक्षाघात रोग : - निंद्रा लकवा या नींद पक्षाघात एक घातक एवं अत्यंत विचित्र बीमारी है जो अक्सर उन लोगों को प्रभावित करता है,जिसे  बहुत अधिक नींद आने या सोते समय श्वसन कार्य बाधित होता है। ऐसी स्थिति आमतौर पर एक या दो मिनट का होता है,जो अत्यंत भयावह होता है। वास्तव में जागते या सोते,बोलने या चलने में अस्थायी अक्षमता का मुख्य कारण नींद पक्षाघात है। इस बीमारी में व्यक्ति सोते समय एवं निंद्रा से निकलते समय कुछ समय के लिए बोलने,चलने,हिलने या यौं कहिये किसी भी तरह की प्रतिक्रिया करने में असमर्थता महसूस करता है। निंद्रा लकवा वास्तव में सोने और जागने के बीच की अवस्था होती है,जिसमें मानसिक तौर पर जगा रहता है किन्तु शारीरिक दृष्टि से कुछ नहीं कर पाने की स्थिति में होती है। 

लक्षण : - चलने या गति करने में असमर्थता,काल्पनिक वस्तुओं को सुनना,अनुभव करना,देखना या सूंघना,साँस लेने में कठिनाई का अनुभव,असहाय की स्थिति महसूस करना,डर या भयभीत होना,मतिभ्रम,सोते या जागते समय कुछ समय तक शरीर को हिलाने - डुलाने में असमर्थता आदि निंद्रा लकवा या नींद पक्षाघात के प्रमुख लक्षण हैं। 

कारण : - आनुवंशिक कारण,तनाव एवं चिंता,पीठ के सहारे सोना,नींद का कोई समय न होना,ज्यादा जागते रहना,मौसम में एकाएक आये हुए बदलाव,वयः संधि,शराब का अधिक सेवन आदि निंद्रा लकवा या नींद पक्षाघात के मुख्य कारण हैं। 

उपचार : - (1) रात को सोने से पूर्व हल्का एवं सुपाच्य भोजन करें और औषधीय चाय का सेवन करेने से निंद्रा लकवा या नींद पक्षाघात में बहुत आराम मिलता है। 

(2) रात को सोने से पूर्व फल एवं सब्जियों का सेवन निंद्रा लकवा या नींद पक्षाघात में बहुत फायदा होता है। 

(3) भोजन के स्थान पर दूध पीकर सोने से निंद्रा लकवा में अत्यंत लाभ होता है। 

(4) नींद का समय चक्र निर्धारित करें और उसी के अनुसार सोने से निंद्रा लकवा में बहुत आराम मिलता है। 

(5) नींद पर्याप्त लेने से निंद्रा लकवा में बहुत फायदा होता है। 

(6) पीठ के बल नहीं सोने से कुछ दिनों में नींद पक्षाघात या निंद्रा लकवा में आराम आने लगता है। 

(7) करवट लेकर सोने से भी निंद्रा लकवा या नींद पक्षाघात में बहुत आराम मिलता है। 

(8) सुबह खाली पेट कुछ दिनों तक वीट ग्रास का जूस पीने से निंद्रा लकवा या नींद पक्षाघात ठीक हो जाता है।  

(9) ॐ कार का नियमित जाप करने से भी निंद्रा लकवा में आश्चर्यजनक लाभ मिलता है। 

(10) दूध में जायफल,हल्दी,अश्वगंधा पाउडर मिलाकर सेवन करने से निंद्रा लकवा दूर हो जाता है। 

(11) शंखपुष्पी,ब्राह्मी एवं बच के सेवन से भी निंद्रा लकवा ठीक हो जाता है। 

(12) रात में हैवी भोजन करने से निंद्रा लकवा के मरीज को बचना चाहिए और हमेशा हल्का भोजन का सेवन करना चाहिए। 

(13) चॉकलेट,कॉफी,अल्कोहल,तम्बाकू,के सेवन से बचना चाहिए। 

योग,आसान एवं प्राणायाम : - अनुलोम-विलोम,कपालभाति,भ्रामरी,भस्त्रिका,हलासन,ॐ कार का उच्चारण आदि। 


  बच्चों के रोग

  पुरुषों के रोग

  स्त्री रोग

  पाचन तंत्र

  त्वचा के रोग

  श्वसन तंत्र के रोग

  ज्वर या बुखार

  मानसिक रोग

  कान,नाक एवं गला रोग

  सिर के रोग

  तंत्रिका रोग

  मोटापा रोग

  बालों के रोग

  जोड़ एवं हड्डी रोग

  रक्त रोग

  मांसपेशियों का रोग

  संक्रामक रोग

  नसों या वेन्स के रोग

  एलर्जी रोग

  मुँह ,दांत के रोग

  मूत्र तंत्र के रोग

  ह्रदय रोग

  आँखों के रोग

  यौन जनित रोग

  गुर्दा रोग

  आँतों के रोग

  लिवर के रोग