mental disorder disease
मनोविकार रोग :- मनोविकार मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन की वजह से होने वाला एक अत्यंत गंभीर बीमारी है।मनोविकार किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य की वह अवस्था है,जिसमें वह किसी स्वस्थ मानव से तुलना करने पर सामान्य नहीं कहा जाता है।सामान्य तौर पर मनोविज्ञान में मानवों के लिए असामान्य एवं अनुचित व्यवहारों को ही मनोविकार कहा जाता है।वास्तव में मनोविकार मनोभाव,सोच एवं व्यवहार की स्थितियों की विस्तृत शृखंला ही कहा जाता है।
लक्षण :- तनाव,सहनशीलता का आभाव,कमजोर व्यक्तित्त्व,बेचैन रहना,मन में उदासी,डिप्रेशन में चला जाना,चुपचाप रहना,अधिक बोलना,अत्यधिक गुस्सा करना,आदि मनोविकार के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- आनुवांशिक कारण,नशीली चीजों का अत्यधिक सेवन,मनोवैज्ञानिक कारण जैसे - आपसी संबंधों में तनाव,किसी प्रिय की मृत्यु,सम्मान को ठेस,आर्थिक हानि,विवाह,तलाक,परीक्षा में फेल होना,प्यार में धोखा आदि,सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारण जैसे - अकेलापन,प्राकृतिक दुर्घटनाएं जैसे -लूट,आतंक,भूकंप,अकाल,बाढ़,महंगाई,बेरोजगारी आदि,शारीरिक कारण जैसेमोटापा,किशोरावस्था,युवावस्था,वृद्धावस्था,गर्भधारण आदि मनोविकार के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) प्याज एवं प्याज के रस के नियमित सेवन से मनोविकार रोग दूर हो जाता है।
(2) हरी पत्तेदार सब्जियों,अंकुरित अनाज,आदि के सेवन से भी मनोविकार रोग दूर हो जाता है।
(3) आंवले का मुरब्बा प्रतिदिन एक नग खाने से मनोविकार रोग ठीक हो जाता है।
(4) नियमित रूप से शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से गुनगुना दूध पीने से मनोविकार रोग ठीक हो जाता है।
(5) लहसुन की चार - पांच कलियों को दूध में पकाकर नियमित रूप सेवन करने से मनोविकार रोग दूर हो जाता है।
(6) सेब,अंगूर,अंजीर,खजूर एवं संतरा के नियमित सेवन से मनोविकार रोग दूर हो जाता है।
(7) ब्राह्मी स्वरस के सेवन से भी मनोविकार रस ठीक हो जाता है।
(8) 20 ग्राम अखरोट,10 ग्राम किशमिश या अंजीर के साथ नियमित सेवन से भी मनोविकार रोग ठीक हो जाता है।
(9) शंखपुष्पी स्वरस के सेवन से भी मनोविकार रोग ठीक हो जाता है।
(10) तुलसी के 10 - 15 पत्ते नियमित सेवन करने से भी मनोविकार रोग ठीक हो जाता है।