sjogrens syndrome disease

श्रोगेन सिंड्रोम रोग :- श्रोगेन सिंड्रोम रोग एक कष्टप्रदायक बीमारी है।इस बीमारी में शरीर में नमी पैदा करने वाली ग्रंथियां नमी पैदा करना बंद कर देती है,परिणामस्वरूप शुष्क मुख एवं शुष्क नेत्र की समस्या पैदा हो जाती है।इसके अतिरिक्त श्रोगेन रोग के कारण शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की कमी हो जाने के कारण खुजली,लालिमा,त्वचा का फटना या गलना आदि की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।श्रोगेन सिंड्रोम से ग्रस्त रोगी की सूखी त्वचा से परेशानी लगभग पूरे वर्ष बनी रहती है,फिर भी इसके लक्षण सर्दी के मौसम में अधिक प्रबल हो जाते हैं।श्रोगेन सिंड्रोम रोग में प्रतिरोधक क्षमता में ह्रास एवं नमी पैदा करने वाली ग्रंथियों का निष्क्रिय होना प्रमुख कारण है।

लक्षण :- मुंह और आँखें सूखना,मुंह में छाले,चुभन,स्वाद न महसूस करना,आवाज फटना,निगलने में परेशानी,आँखों में सूखापन,जोड़ों में अकड़न,रूखी त्वचा,सूखी खांसी आदि श्रोगेन सिंड्रोम के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण :- नमी पैदा करने वाली ग्रंथियों का निष्क्रिय हो जाना,प्रतिरोधक शक्ति का काम हो जाना आदि श्रोगेन सिंड्रोम के मुख्य कारण हैं।

उपचार :- (1) एलोवेरा जूस के प्रतिदिन सुबह -शाम सेवन करने से श्रोगेन सिंड्रोम रोग से मुक्ति मिल जाती है।

              (2) गुलाब जल में ग्लिसरीन मिलाकर पूरे शरीर पर लगाने से भी श्रोगेन सिंड्रोम रोग दूर हो जाता है।

              (3) नारियल तेल में कपूर मिलाकर शरीर पर लगाने से भी सूखी त्वचा से मुक्ति मिल जाती है।

              (4) अश्वगंधा पाउडर के सेवन से भी श्रोगेन सिंड्रोम रोग दूर हो जाता है।

              (5) मालकांगनी के बीजों के तेल को पूरे शरीर पर लगाने से श्रोगेन सिंड्रोम रोग दूर हो जाता है।


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