malta fever
माल्टा ज्वर:- माल्टा ज्वर एक बहुत ही संक्रामक रोग है,जो ब्रूसेला प्रजाति के जीवाणुओं द्वारा फैलता है।इसे मेडिटरेनियन ज्वर,ब्रूसिलोलिस या अण्डुलेट ज्वर के नाम से भी जाना जाता है।माल्टा ज्वर पशुजन्य बीमारी है।मनुष्यों में पालतू जानवरों,जैसे-बकरी,कुत्ता,सूअर,भेड़,मवेशी आदि द्वारा संचरण होता है।मनुष्य जब इन संक्रमित पशुओं का मांस,दूध का भक्षण या इनके शरीर के स्रावों के संपर्क में आने से संक्रमित हो जाता है और इस बीमारी से ग्रसित हो जाता है।
लक्षण:-ज्वर,सुस्ती,पेट में दर्द,कब्ज,सर दर्द,जीभ मैली,अजीर्ण,दुर्बलता,शरीर पर छोटे-छोटे दाने,कमर दर्द,बुखार उतरने पर पसीने से तर हो जाना,जोड़ों में दर्द,खांसी,वजन में दर्द आदि माल्टा ज्वर के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण:- बिना पाश्चुरीकृत दूध का सेवन करना,संक्रमित पशुओं का मांस खाना,संक्रमित कुत्तों के काटने से,पशुओं के स्रावों के संपर्क में आने के कारण आदि माल्टा ज्वर के कारण हैं।
उपचार:- (1) गिलोय,सोंठ,पीपल,बड़ी इलायची सबको लेकर काढ़ा बनाकर पीने से माल्टा ज्वर दूर हो जाता है।
(2) असगंध चूर्ण,गिलोय चूर्ण,हल्दी चूर्ण,दारू हल्दी चूर्ण,अम्बा हल्दी चूर्ण सबको 5 ग्राम की मात्रा में लेकर आधा लीटर पानी में
डालकर काढ़ा बनाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने सर माल्टा ज्वर दूर हो जाती है।
(3) तुलसी के पत्ते,अडूसे के पत्ते,जायफल और गिलोय की डंडी सबको लेकर काढ़ा बनाकर पीने से माल्टा ज्वर ठीक हो जाता है।
(4) नीम की अंतर छाल,धनिया,सोंठ सबको मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से यह ज्वर दूर हो जाता है।