anorexia disease

भष्मक रोग :- भष्मक रोग एक विचित्र किस्म की बीमारी है,जिसमें रोगी हमेशा खाने की इच्छा करता है और जितना भी खाना खा ले उसे लगता है कि उसने कुछ खाया ही नहीं है।उसकी भूख शांत नहीं होती है साथ ही थोड़ी - थोड़ी देर के बाद वह कुछ न कुछ खाता रहता है।नतीजन उसका वजन बढ़ने लगता है।यह रोग अधिक सूखे भोजन करने से शरीर में स्थित धातु कुपित हो जाता है और पित्त काफी बढ़ जाता है।परिणामस्वरूप जठराग्नि अत्यंत तीव्र हो जाने के कारण भोजन को थोड़ी देर में ही भष्म कर देता है और तुरंत भूख लग जाती है।इसीलिये इसे भष्मक रोग कहा जाता है।

लक्षण :- अधिक भूख लगना,थोड़ी - थोड़ी देर पर खाने को माँगना,भूख शांत नहीं होना,उल्टी होना,वजन बढ़ जाना,खुद पर नियंत्रण न होना,जल्दीबाजी में कार्य करना,शरीर में पानी की कमी,चिंतित रहना,बदबूदार साँस,सीने में जलन आदि भष्मक रोग के प्रमुख कारण हैं।

कारण :- जठराग्नि तीक्ष्ण हो जाना,पित्त अत्यधिक बढ़ जाने के कारण,शरीर के धातु का कुपित हो जाना,अत्यधिक तनावग्रस्त जीवन आदि भष्मक रोग के मुख्य कारण हैं।

उपचार :- (1) पके हुए मीठे आम के रस में 30 ग्राम घी एवं 70 ग्राम खाण्ड मिलाकर पीने से कुछ ही दिनों में भष्मक रोग ठीक हो जाता है।

(2) भष्मक रोग में पहले एनीमा द्वारा पेट साफ करना चाहिए और इसके बाद दिन में दो बार कटिस्नान करना चाहिए।

(3) चिरचिटा के बीजों को दूध से बने खीर में मिलाकर खाने से भष्मक रोग ठीक हो जाता है।

(4) नारियल की जड़ का चूर्ण दूध के साथ लेने से अग्निमांद्य होकर भष्मक रोग ठीक हो जाता है।

(5) काली मिर्च पीसकर एक - एक ग्राम की मात्रा सुबह - शाम पानी के साथ सेवन करने से भष्मक रोग दूर हो जाता है।

(6) सहजन के पत्तों के 10 मिलीलीटर रस में शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह - शाम पीने से भष्मक रोग दूर हो जाता है।

(7) छोटी इलायची का चूर्ण एक ग्राम की चौथाई भाग सुबह - शाम सेवन करने से भष्मक रोग दूर हो जाता है।

(8) बेर के बीजों का चूर्ण दो - दो ग्राम की मात्रा सुबह - शाम ताजे जल से नियमित सेवन करने से भष्मक रोग ठीक हो जाता है।

(9) चित्रक एवं चीता की जड़ का रस दो ग्राम की मात्रा सुबह - शाम छाछ के साथ सेवन करने से भष्मक रोग ठीक हो जाता है।

(10) गूलर के फलों को सुखाकर चूर्ण बनाकर रख लें और सुबह - शाम ताजे जल से सेवन करने से भष्मक रोग ठीक हो जाता है।

(11) भष्मक रोगी को आसमानी रंग की बोतल में सूर्य तप्त जल को 60 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन 7 बार सेवन करने से रोगी ठीक हो जाता है।

(12) भष्मक रोग से पीड़ित मरीज कि कमर पर भींगी पट्टी लगाकर कुछ समय रखना चाहिए।ऐसा करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

(12) अपामार्ग के बीजों का चूर्ण और समान भाग मिश्री मिलाकर सुबह - शाम सेवन करने से भष्मक रोग ठीक हो जाता है।


anorexia disease

क्षुधा नाश रोग या भूख की कमी का रोग :- मानव की भागदौड़ की जिंदगी एवं व्यस्त जीवन शैली के उनके जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है ।परिणामस्वरूप वह अपने खान -पान का ध्यान नहीं रख पाता है ,जिसके कारण उसे भूख की कमी का पता नहीं चलता है।भूख की कमी एक गंभीर मनोवैज्ञानिक स्थिति है और खाने का एक विकार है ।यह अक्सर चिंता,तनाव और अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक कारणों से होती है,जिसे नजरअंदाज करना एक बहुत गंभीर संकट को निमंत्रण देने जैसा है ।

लक्षण :- भूख की कमी,बेचैनी,थकान,हाइपरटेंशन,चक्कर आना,शरीर का ताप काम होना एवं हाथ पैर ठन्डे होना,रूखी त्वचा,हाथ-पैर में सूजन,गंजापन या बालों का झड़ना,मासिक धर्म में अनियमितता,बाँझपन,अनिद्रा,नाख़ून का नाजुक होना आदि क्षुधा नाश रोग के प्रमुख लक्षण हैं ।

कारण :- मनोवैज्ञानिक कारण,अवसाद एवं चिंता,नकारात्मक छवि,वजन एवं आकार के बारें चिंतित होना,पर्यावरणीय कारक,कब्ज,पेट के वाइरस आदि क्षुदा नाश रोग के मुख्य कारण हैं ।

उपचार :-  (1) करौंदे का रस एक चम्मच,नीम्बू का रस एक चम्मच और एक चम्मच शहद को एक कप पानी में मिलाकर प्रातः खली पेट पीने 

                    से भूख में कमी का रोग दूर हो जाता है।

                (2) अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर उसके ऊपर सेंधा नमक बुरककर खाना खाने से आधा घंटा पहले खाने से भूख की 

                      कमी या क्षुदा नाश रोग दूर हो जाता है।

                (3) आधा चम्मच गुड़ पाउडर एवं काली मिर्च को मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित सेवन करने से भूख की कमी का रोग दूर हो 

                       जाता है।

                (4) छोटी इलायची के प्रतिदिन सेवन से भूख की कमी कुछ ही दिनों में दूर हो जाती है।

                (5) अजवाइन की आधा चम्मच खाना खाने के बाद सेवन करने से भूख की कमी या क्षुधा नाश रोग दूर हो जाता है।

                (6) सिंहपर्णी की जड़ का पाउडर एक कप पानी में डालकर उबालें और उसमें दालचीनी और मीठा करने के लिए शहद 

                      मिलाकर पीने से भूख की कमी दूर हो जाती है।

                 (7) धनिया के रस में आधा चम्मच नीम्बू रस और एक चुटकी काला नमक मिलाकर पीने से क्षुधा नाश रोग दूर हो जाता है।

                 (8) एक कप पानी में लहसुन की चार-पांच कलियाँ पानी में उबालें और उसमें एक चम्मच नीम्बू का रस निचोड़ कर प्रतिदिन 

                       सुबह -शाम सेवन करने से क्षुधा नाश रोग दूर हो जाता है।


  बच्चों के रोग

  पुरुषों के रोग

  स्त्री रोग

  पाचन तंत्र

  त्वचा के रोग

  श्वसन तंत्र के रोग

  ज्वर या बुखार

  मानसिक रोग

  कान,नाक एवं गला रोग

  सिर के रोग

  तंत्रिका रोग

  मोटापा रोग

  बालों के रोग

  जोड़ एवं हड्डी रोग

  रक्त रोग

  मांसपेशियों का रोग

  संक्रामक रोग

  नसों या वेन्स के रोग

  एलर्जी रोग

  मुँह ,दांत के रोग

  मूत्र तंत्र के रोग

  ह्रदय रोग

  आँखों के रोग

  यौन जनित रोग

  गुर्दा रोग

  आँतों के रोग

  लिवर के रोग