धमनी स्फीति या धमनी विस्फार रोग :- आज वर्तमान समय में प्रदूषित वातावरण में ही मानव सांस लेने के लिए मजबूर है।नतीजन सांस सम्बन्धी अनेक रोगों से ग्रस्त हैं।उनमें धमनी स्फीति या धमनी विस्फार भी एक गंभीर बीमारी है।धमनी स्फीति धमनी के स्थानीय उभार को कहते हैं,जिसमें धमनी की भित्ति दुर्बल हो जाती है तब वहां खिंचाव होने के कारण प्रवाहित रक्त के दाब के कारण उभार उत्पन्न हो जाता है,यही धमनी स्फीति या धमनी विस्फार है।यह धमनी स्फीति शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है ;किन्तु पैरों एवं मस्तिष्क की धमनियों में विशेष रूप से पाई जाती है।इसमें स्फीति स्थल पर दबाव की वजह से पीड़ा होती है और कभी -कभी तो धमनी फट भी जाती है और तीव्र रक्तस्राव होता है।
लक्षण :- सिरदर्द अचानक शुरू होना,होश खोने लगना,मितली और उल्टी,चक्कर आना,चलते हुए गिर जाना,गर्दन अकड़ जाना,धुंधला दिखना,रौशनी से संवेदनशीलता आदि धमनी स्फीति या धमनी विस्फार के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- आनुवांशिक कारण,धूम्रपान,बीमारियां,उच्च रक्तचाप,ऐनियरिज्म से सम्बंधित समस्याएं आदि धमनी स्फीति के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) अश्वगंधा पाउडर का प्रतिदिन सुबह -शाम सेवन दूध के साथ करने धमनी स्फीति की समस्या का समाधान हो जाता है।
(2) सहजन की जड़ का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन सुबह -शाम पीने से धमनी स्फीति रोग दूर हो जाता है।
(3) बाह्मी चूर्ण एक चम्मच ताजे जल के साथ प्रतिदिन सुबह सेवन करने से धमनी स्फीति रोग दूर हो जाता है।
(4) हल्दी,अम्बा हल्दी,दारू हल्दी और बच सबको समान मात्रा में लेकर कूट पीस कपड़छान कर चूर्ण बना लें और प्रदिदिन सुबह -शाम दूध में एक चम्मच डालकर पीने से धमनी स्फीति रोग नष्ट हो जाता है।
(5) गिलोय का काढ़ा बनाकर सुबह -शाम पीने से धमनी स्फीति रोग दूर हो जाता है।
(6) शंखपुष्पी चूर्ण एक चम्मच लेकर एक गिलास pani में डालकर उबालें और जब एक चौथाई रह जाने पर छान कर पीने से खुछ ही दिनों में धमनी स्फीति दूर हो जाता है।
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