क्षुधा नाश रोग या भूख की कमी का रोग :- मानव की भागदौड़ की जिंदगी एवं व्यस्त जीवन शैली के उनके जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है ।परिणामस्वरूप वह अपने खान -पान का ध्यान नहीं रख पाता है ,जिसके कारण उसे भूख की कमी का पता नहीं चलता है।भूख की कमी एक गंभीर मनोवैज्ञानिक स्थिति है और खाने का एक विकार है ।यह अक्सर चिंता,तनाव और अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक कारणों से होती है,जिसे नजरअंदाज करना एक बहुत गंभीर संकट को निमंत्रण देने जैसा है ।
लक्षण :- भूख की कमी,बेचैनी,थकान,हाइपरटेंशन,चक्कर आना,शरीर का ताप काम होना एवं हाथ पैर ठन्डे होना,रूखी त्वचा,हाथ-पैर में सूजन,गंजापन या बालों का झड़ना,मासिक धर्म में अनियमितता,बाँझपन,अनिद्रा,नाख़ून का नाजुक होना आदि क्षुधा नाश रोग के प्रमुख लक्षण हैं ।
कारण :- मनोवैज्ञानिक कारण,अवसाद एवं चिंता,नकारात्मक छवि,वजन एवं आकार के बारें चिंतित होना,पर्यावरणीय कारक,कब्ज,पेट के वाइरस आदि क्षुदा नाश रोग के मुख्य कारण हैं ।
उपचार :- (1) करौंदे का रस एक चम्मच,नीम्बू का रस एक चम्मच और एक चम्मच शहद को एक कप पानी में मिलाकर प्रातः खली पेट पीने
से भूख में कमी का रोग दूर हो जाता है।
(2) अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर उसके ऊपर सेंधा नमक बुरककर खाना खाने से आधा घंटा पहले खाने से भूख की
कमी या क्षुदा नाश रोग दूर हो जाता है।
(3) आधा चम्मच गुड़ पाउडर एवं काली मिर्च को मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित सेवन करने से भूख की कमी का रोग दूर हो
जाता है।
(4) छोटी इलायची के प्रतिदिन सेवन से भूख की कमी कुछ ही दिनों में दूर हो जाती है।
(5) अजवाइन की आधा चम्मच खाना खाने के बाद सेवन करने से भूख की कमी या क्षुधा नाश रोग दूर हो जाता है।
(6) सिंहपर्णी की जड़ का पाउडर एक कप पानी में डालकर उबालें और उसमें दालचीनी और मीठा करने के लिए शहद
मिलाकर पीने से भूख की कमी दूर हो जाती है।
(7) धनिया के रस में आधा चम्मच नीम्बू रस और एक चुटकी काला नमक मिलाकर पीने से क्षुधा नाश रोग दूर हो जाता है।
(8) एक कप पानी में लहसुन की चार-पांच कलियाँ पानी में उबालें और उसमें एक चम्मच नीम्बू का रस निचोड़ कर प्रतिदिन
सुबह -शाम सेवन करने से क्षुधा नाश रोग दूर हो जाता है।
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