कोरोना वायरस संक्रमण रोग :- कोरोना वायरस संक्रमण रोग आज सम्पूर्ण विश्व में एक महामारी के रूप में अपना पांव पसार चुकी हैं।यह महामारी चीन के वुहान शहर से उत्पन्न होकर आज पूरे विश्व को अपने आगोश में ले चुकी है और इस बीमारी का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।इस वायरस को वुहान कोरोना वायरस के नाम से भी जाना जाता है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने इस वायरस को नोबेल COVID - 19 नाम दिया है। कोरोना वायरस का आकार मुकुट की तरह और उस पर उभरे हुए कांटे की जैसी संरचना की तरह दिखाई देने के कारण इसका नामकरण हुआ है।यह वायरस कई प्रकार के वायरसों का एक समूह है,जो खास कर जीवित या मृत पशुओं,पक्षियों, स्तनधारियों,समुद्री जीवों आदि के बेचने और खरीदने साथ ही भक्षण से मानव में आया और वहीं से पूरे विश्व में फ़ैल गया है।यह वायरस चमगादड़ में पाया जाता है ।यह वायरस चमगादड़ से पेंगोलिन में आया और पेंगोलिन से मानव में आया।तत्पश्चात संक्रमित मनुष्य में और फिर संक्रमित मनुष्य से उसके संपर्क में आने वाला हर व्यक्ति इससे संक्रमित होकर इस कड़ी को बढ़ाने में अपना योगदान दे रहा है।कोरोना वायरस एक बड़े गोलाकार कणों के रूप में लगभग 120 नैनोमीटर के आकार में एक झिल्ली जो चर्बी और प्रोटीन युक्त आवरण की संरचना से बना होता है,जो इसका सुरक्षा कवच का काम भी करता है।।इस वायरस में एकल RNA से युक्त जीनोम होता है ,जिसका आकार 27 - 34 किलो बेस के आसपास पाया जाता है।बड़े विश्वास के साथ कहा जा रहा है कि इस वायरस का जीनोम बिलकुल चमगादड़ में पाए जाने वाले जीनोम से मिलता - जुलता ही पाया गया है। इसी कारण कोरोना वायरस का उद्गम चमगादड़ से माना जाना ज्यादा प्रासंगिक प्रतीत होता है।  यह वायरस आज अपना तांडव इस कदर बरपा रहा है कि अमरीका,स्पेन,इटली,फ़्रांस जैसी महाशक्तिशाली देश भी इस बीमारी के सामने बेवश नजर आ रहा है।आज तक इस कोरोना वायरस महामारी ने लगभग 18 लाख लोगों  को संक्रमित कर दिया है और लगभग एक लाख से अधिक लोग काल कवलित को गए हैं और ऐसा लग रहा है कि इस महामारी से मरने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन और भी अधिक होने की सम्भावना है।

लक्षण :- सर्दी,जुकाम,सूखी खांसी और कुछ देर तक लगातार खांसी,तेज बुखार,नाक बहना,साँस लेने में दिक्कत,गले में खराश,गले में दर्द,सिरदर्द,डायरिया,खाने में स्वाद का आभाव,गंध को महसूस करने में भी परेशानी,संक्रमित होने के लक्षणों में 5 से 14  दिनों का समय,फेफड़ों में गंभीर संक्रमण, ठंड का अनुभव करना,मांसपेशियों में दर्द,थकान,शरीर के अंगों का काम करना बंद कर देना,शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति का ह्रास आदि कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण :- चमगादड़,सांप,पशुओं,पक्षियों का भक्षण करना,समुद्री जीवों का भक्षण,शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति का काम होना,किसी क्रोनिक बीमारियों से ग्रसित होना,चमगादड़ से पेंगोलिन में संक्रमण का आना,पेंगोलिन से संक्रमण मनुष्य में आना,गंदगी युक्त परिवेश में रहना आदि कोरोना वायरस के संक्रमण के मुख्य लक्षण हैं।

सावधानियां :- (1)सर्दी जुकाम होने पर खांसते और छींकते समय टिशू पेपर का प्रयोग करना और उस पेपर को डस्टबिन में डाल देना ।

                   (2) अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोना और सेनिटाइजर 60 प्रतिशत से अधिक अल्कोहल वाला प्रयोग करना ।

                   (3) नाक और मुँह पर मास्क से ढँकना।

                   (4) संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रहना।

                   (5) संक्रमित लोगों द्वारा इश्तेमाल की गई वस्तुओं से परहेज रखना।

                   (6) घर को स्वच्छ रखना एवं फिनायल और ब्लीचिंग पाउडर से सफाई करना।

                   (7) घर से बाहर लाये गए चीजों को संक्रमित समझ कर अच्छी तरह से धोना।

                   (8) नॉनवेज खासकर समुद्री भोज्य पदार्थों को भक्षण करने से बचना।

                   (9) नाक,आँखों और मुँह को बार - बार छूने से बचना।

                   (10) सक्रमित लोगों को अलग - थलग रखना।

उपचार :- (1) समुद्री फ़ूड खाने से परहेज करने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।

(2) साफ़ - सफाई युक्त परिवेश में रहने एवं पानी से नहीं साबुन या हैंडवॉश करके भोजन करने से भी कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।

(3) यात्रा के दौरान नाक एवं मुँह को ढंककर रखने से भी कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।  

(4) अनार की सुखी या ताज़ी पत्तियां,तुलसी की पत्तियां एवं काली मिर्च को पानी में डालकर उबालें और छानकर पीने से कोरोना वायरस की 

      संक्रमण से बचाव हो जाता है।

(5) अनार की कलियों को सुखाकर चूर्ण बनालें और एक चम्मच चार कप पानी में डालकर उबालें ,जब एक कप शेष रह जाये तो छानकर पीने से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है।

( 6 ) गिलोय की डंडी एक फुट की लम्बाई का,हल्दी पाउडर घर में पीसी हुई एक चम्मच या कच्ची हल्दी पांच ग्राम,दस से पंद्रह पत्ती तुलसी,अदरक पांच से दस ग्राम,काली मिर्च तीन चार सबको दो गिलास पानी में डालकर धीमी आंच में पकाएं और जब एक चौथाई रह जाय तो छानकर सुबह शाम पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति इतनी प्रबल हो जाएगी कि कोरोना ही नहीं अन्य भी कोई बीमारी से मुक्ति मिल जाएगी।


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