कान में मैल जमा होना :- कान में मैल जमा होना एक आम समस्या है ,जो बहिकर्ण के चारों ओर की त्वचा एवं श्लैष्मिक कला की ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ कान के सुरंग में जमा होकर सूखने से होता है। इसके अतिरिक्त कान के अंदर मैल मृत चमड़ियों,कान के अंदर टूटे रोयें और कई अन्य चीजों से मिलकर भी बनता है ,जो कान की सुरक्षा में भी सहायक सिद्ध होता है किन्तु अधिकतर ठीक नहीं होकर कई अन्य तरह की बीमारियों को उत्पन्न करने में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अन्य कई प्रकार की व्याधियों को जन्म देता है। कान के मैल से कम सुनाई देना,कान में दर्द,सिर में भारीपन आदि के मुख्य कारण होना एक आम बात है ,जो समय के साथ उपचार नहीं करने से इसके गंभीर परिणाम भी सामने आते हैं। इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना कान के अच्छे स्वास्थ्य के लिए ठीक होता है। 

लक्षण :- कान में भारीपन,झनझनाहट,कान में सांय - सांय की आवाज आना,सुनाई कम देना,कान में दर्द,सिरदर्द, सिर में भारीपन आदि कान में मैल जमा होने के प्रमुख लक्षण हैं। 

कारण :- कान के श्लैष्मिक कला द्वारा स्रावित पदार्थ के सूख जाने के कारण,बाहरी धूल कणों ,वातावरणीय प्रदूषण आदि कान में मैल जमा होने के मुख्य कारण हैं। 

उपचार :- (1) साधारण खाने के सोडे को जल में घोलकर गर्म कर हल्का गुनगुना होने पर कान में डालने से कान के मैल ढीली होकर निकल जाता है। 

(2) नमक को गुनगुने पानी में घोलकर कान में डालने से कान के मैल साफ हो जाते हैं। 

(3) सरसों के तेल में लहसुन डालकर गर्म करके और ठंडा होने पर कान में तीन - चार बूंदें डालने से कान का  मैल ढीली होकर निकल जाता  है। 

(4) हाइड्रोजन पर ऑक्साइड कान में डालने से कान के मैल ढीली होकर निकल जाती है। 

(5) पके हुए नीम्बू का रस कान में चार - पांच बूंदें डालने से कान के मैल बहुत आसानी से निकल जाता है। 

(6) कान में दो - तीन बून्द बादाम का तेल डालकर सिर को उसे दिशा में कुछ देर तक रखने से मैल मुलायम होकर निकल जाता है। 


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