आँखों का रक्तक विकार रोग :- आँखों का रक्तक विकार रोग एक अत्यंत गंभीर रोग है,जिसके कारण आँखें लाल हो जाती है।आँखों में कोरॉयड कोशिकाएं होती हैं जो रेटिना को ऑक्सीजन एवं रक्त की आपूर्ति प्रदान कर रेटिना को ठंडा और गर्म रखता है।कोरॉयड की स्वस्थता पर ही आपकी आँखें और अच्छी दृष्टि कार्य करने के लिए पर्याप्त रक्त आपूर्ति पर भरोसा करती है।कोरॉयड में गहरे रंग के मेलेनिन वर्णक प्रकाश को अवशोषित करते हैं और आँखों के भीतर प्रतिबिम्ब सीमित करते हैं,जो दृष्टि को कम कर सकते हैं।जब मेलेनिन को प्रकाश विषाक्तता के खिलाफ कोरॉयड रक्त वाहिकाओं की रक्षा के लिए किये गए प्रयास के कारण आँखे लाल हो जाती हैं।

लक्षण :- आँखे लाल हो जाना,दृष्टि क्षीणता,आँखों में दर्द,सिर दर्द आदि आँखों के रक्तक विकार रोग के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण :- कोरॉयड का संक्रमित हो जाना,कोरॉयड कोशिकाएं का क्षीण हो जाना आदि आँखों के रक्तक विकार रोग मुख्य कारण हैं।

उपचार :-  (1) आँखों में प्रतिदिन गुलाब जल डालने से आँखों का रक्तक विकार रोग दूर हो जाता है।

(2) शहद की दो - तीन बूंदें प्रतिदिन डालने से आँखों का रक्तक विकार दूर हो जाता है।

(3) चुकुन्दर,आंवला एवं गाजर के टुकड़े को एक गिलास जल में डालकर धीमी आंच पर उबालें और एक चौथाई शेष रहने पर छानकर पीने से आँखों का रक्तक विकार रोग दूर हो जाता है।

(4) पालक को उबालकर पीने से रक्तक विकार रोग दूर हो जाता है।

(5) गुलाब जल की दो - तीन बूंदें आँखों में डालने से रक्तक विकार रोग दूर हो जाता है।

(6) अदरक स्वरस,गुलाब जल एवं शहद समान भाग मिलाकर दो - तीन बूंदें आँखों में डालने से रक्तक विकार रोग दूर हो जाता है।


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