लैंग्या वायरस रोग : - लैंग्या वायरस रोग एक अत्यंत संक्रामक रोग है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। अभी कुछ दिनों से सर्वप्रथम इस वायरस का पता चीन में लगा है। वैसे तो यह वायरस चीन के सेन्डोंग प्रान्त में जनवरी 1919 में देखने को मिला था। लैंग्या वायरस हेनिपावायरस का ही अन्य रूप है। यह वायरस उन लोगों में पाया गया है,जिनका पालतू पशुओं से सीधा संपर्क था। यूँ कहें कि वो जानवरों के साथ ज्यादा समय बिताता था। वास्तव में लैंग्या वायरस इंसानों में जानवरों से ही पहुंचा है, जैसा कि शोध से पता चला है। इस वायरस का वाहक छछूंदरों को विशेष रूप से माना जा सकता है। कुत्तों एवं बकरियों में भी पाया गया है ऐसा विशेषज्ञों का मत है। लैंग्या वायरस का जीनोम मोजियांग हेनिपावायरस के अधिक नजदीक माना गया है। यह वायरस फिलहाल ज्यादा परेशानी वाला नहीं है,किन्तु भविष्य में अपना रूप बदलकर अधिक खतरनाक हो सकता है, इस बात से विशेषज्ञों ने इंकार नहीं किया है। 

लक्षण: - बुखार,थकान,खांसी,भूख न लगना,मांसपेशियों में दर्द,सिरदर्द,उल्टी,लिवर में संक्रमण,किडनी में परेशानी आदि लैंग्या वायरस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। 

कारण : - हेनिपावायरस की प्रजाति,जानवरों के संपर्क में अधिक समय बिताना,गंदगी युक्त वातावरण में रहना,कच्चे - अधपके मांसों का भक्षण,रोग प्रतिरोधक शक्ति का कम होना,आद्रता युक्त जगहों पर निवास होना आदि लैंग्या वायरस रोग के मुख्य कारण हैं। 

उपचार : - लैंग्या वायरस रोग का वैसे तो कोई उपचार अभी तक नहीं खोजै गया है,किन्तु पीड़ितों के शारीरिक लक्षणों के आधार पर जैसे बुखार,खांसी,थकान,सिरदर्द,उल्टी आदि का उपचार किया जाता है - 

(1) गिलोय,तुलसी,छोटी इलायची,दालचीनी को एक गिलास जल में डालकर उबालें और जब एक चौथाई रह जाये तो छान कर सुबह - शाम पीने से लैंग्या वायरस रोग में अद्भुत लाभ मिलता है। 

(2) एक चम्मच काली मिर्च का चूर्ण,दो चम्मच शहद,एक चम्मच अदरक स्वरस मिलाकर सुबह - शाम सेवन करने से लैंग्या वायरस रोग दूर हो जाता है। 

(3) गिलोय,लौंग,काली मिर्च, कच्ची हल्दी,अदरक को लेकर काढ़ा बनाकर सुबह - शाम सेवन करने से लैंग्या वायरस रोग में बहुत आराम मिलता है। 

(4) कच्ची हल्दी को कूट कर दूध में डालकर उबालें और गुनगुना सुबह - शाम पीने पर लैंग्या वायरस रोग में अत्यंत लाभकारी है। 

(5) तुलसी,दालचीनी,काली मिर्च,शुंठी एवं मुनक्का से बानी काढ़ा सुबह - शाम पीने से लैंग्या वायरस रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाता है। 

योग एवं प्राणायाम : - अनुलोम - विलोम,कपालभाति,भ्रामरी आदि। 


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