फेफड़ों का कैंसर रोग :- फेफड़ों का कैंसर एक अत्यंत गंभीर रोग है,जो फेफड़ों में होता है और यह लिम्फ नोड्स या शरीर के अन्य भागों में फ़ैल जाता है।इस रोग में फेफड़ों के ऊतकों में अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है।अधिकतर मामलों में यह फेफड़ों के वायु मार्गों में शुरू होता है और उसमें सूजन,साँस लेने में परेशानी,खांसी के साथ वल्गाम में खून आना आदि प्रमुख लक्षण हैं।फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान एवं पर्यावरण जनित प्रदूषण है।वैश्विक परिदृश्य में सभी कैंसर का 19 फीसदी पर्यावरण को जिम्मेदार माना गया है।व्यावसायिक स्थल पर कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ के संपर्क में आने से भी होता है।
लक्षण :- खांसी रक्तयुक्त,सीने में दर्द,साँस लेने में घरघराहट की आवाज,वजन घटना,थकान,भूख न लगना,आवाज कर्कश होना,निगलने में परेशानी आदि फेफड़ों के कैंसर के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- धूम्रपान,अत्यधिक शराब का सेवन,प्रदूषित वायु,आनुवांशिक कारण,अप्रत्यक्ष धूम्रपान,एस्बेस्टस,रेडान गैस,तम्बाकू का सेवन,अपूर्ण दहन,रबर उत्पादित धूल आदि फेफड़ों के कैंसर के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) तालाब की मछलियाँ जैसे-रेवा,चचेड़ा,मांगुर एवं समुद्र की प्रवण आदि मछलियों का सेवन करने से
फेफड़ों का कैंसर रोग का नाह हो जाता है।
(2) नोनी जूस के सेवन से भी फेफड़ों का कैंसर ठीक हो जाता है।
(3) ग्रीन टी के नियमित शहद, इलायची और नीम्बू डालकर सेवन करने से फेफड़ों का कैंसर दूर हो जाता है।
(4) रेस्वेराट्रोल रेड वाइन प्रतिदिन रात में भोजन के साथ दो-तीन औंस पीने से फेफड़ों का कैंसर दूर हो जाता है।
(5) हल्दी,दारू हल्दी,अम्बा हल्दी समान भाग लेकर कूट पीसकर चूर्ण बनाकर प्रतिदिन सुबह-शाम एक चम्मच
ताजे जल के साथ सेवन करने से फेफड़ों का कैंसर ठीक हो जाता है।
(6) समुद्री सिवार ( seaweed )के सेवन से फेफड़ों का कैंसर रोग दूर हो जाता है।
(7) लहसुन की दो -तीन कलियाँ प्रतिदिन खाने से भी फेफड़ों का कैंसर रोग का नाश हो जाता है।
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