कुपोषण रोग : - कुपोषण एक गंभीर बीमारी है,जो किसी व्यक्ति के आहार में संतुलित पोषक पदार्थों की कमी के कारण होने वाली स्थिति है। वास्तव में शरीर को आवश्यक संतुलित पोषक तत्त्वों का नहीं मिलना ही कुपोषण कहलाता है जो भारत जैसे देश के लिए एक गंभीर चुनौती का विषय है। भारत में कुपोषण दर 55 % है एवं मरने वाले 10 लाख से भी अधिक बच्चे है और स्त्रियां कुपोषण के कारण अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित होते है। आज के वर्तमान समय में संतुलित भोजन न मिलना एक समस्या नहीं है किन्तु भागदौड़ एवं अनुचित खान - पान जैसे जंक,फ़ास्ट फ़ूड के अत्यधिक उपयोग में लाने एवं प्रयोग करने के कारण उत्पन्न विकृति है।  आज पुरे विश्व में लगभग 190 करोड़ वयस्क अधिक वजन रखते हैं एवं 46 करोड़ वयस्क अल्प वजन यानी अंडरवेट वाले है। साथ 41 लाख बच्चे जिसकी उम्र 5 वर्ष या कम उम्र वाले बच्चे मोटापा से ग्रसित है और डेढ़ करोड़ कम ऊंचाई के हैं। 5 करोड़ बालक कुपोषित हैं। वास्तव में संतुलित भोजन न मिलना ही कुपोषण के मुख्य कारण हैं,जिससे उसका विकास रुक जाता है चाहे वो मानसिक हो या शारीरिक। 

लक्षण : - कम वजन एवं कृशकाय होना,साँस लेने में दिक्कत,अल्प रक्तचाप,प्रजनन क्षमता का ह्रास,सुखी त्वचा,गाल पिचके,आँखें धंसी हुई,बाल रुखे एवं कम घने,मानसिक रुप से कमजोर,पाचन सम्बन्धी दोष,बच्चों एवं महिलाओं में खून की कमी,घेघा रोग,बच्चों में सूखा रोग, रतोंधी आदि कुपोषण के प्रमुख लक्षण हैं। 

कारण : - संतुलित भोजन नहीं मिलना,पोषक तत्त्वों का शरीर द्वारा अवशोषण नहीं कर पाना,अत्यधिक शराब पीना,मानसिक रोग,पाचन विकार,शरीर में खून की कमी,अनुचित खान - पान,प्रदूषित भोज्य पदार्थों का सेवन,आनुवंशिक कारण आदि कुपोषण के मुख्य कारण हैं। 

उपचार : - (1) ब्रेड,चावल एवं आलू के नित्य प्रतिदिन सेवन करने से धीरे - धीरे कुपोषण का विकार ठीक हो जाता है। 

(2) दूध एवं डेयरी खाद्य पदार्थों के नियमित सेवन से कुपोषण का दोष ठीक हो जाता है। 

(3) फलों एवं हरी सब्जियों के नियमित सेवन से कुपोषण कुछ ही महीनों में ठीक हो जाता है। 

(4) कैल्सियम युक्त भोज्य पदार्थों जैसे - दूध प्रोडक्ट,सोयाबीन,ब्रोकली,दाल आदि के सेवन से कुपोषण दूर हो जाता है। 

(5) चुकुन्दर,गाजर,पालक आदि के नियमित सेवन से कुपोषण दूर हो जाता है। 

(6) फॉस्फेट,जिनक एवं विटामिन युक्त खाद्य पदर्थों के सेवन से कुपोषण ठीक हो जाता है। 

(7) मांस,मछली,अंडे आदि के प्रचुर मात्रा में नियमित सेवन से कुपोषण दूर हो जाता है। 

(8) ड्राई फ्रूट जैसे छुहारा,किशमिश,खजूर,अंजीर आदि के सेवन से कुपोषण के दोष दूर हो जाते हैं 

योग,आसन एवं प्राणायाम : - अनुलोम - विलोम,कपालभाति,भ्रामरी,भस्त्रिका,उज्जयी अग्निसार आदि। 


0 Comments


  बच्चों के रोग

  पुरुषों के रोग

  स्त्री रोग

  पाचन तंत्र

  त्वचा के रोग

  श्वसन तंत्र के रोग

  ज्वर या बुखार

  मानसिक रोग

  कान,नाक एवं गला रोग

  सिर के रोग

  तंत्रिका रोग

  मोटापा रोग

  बालों के रोग

  जोड़ एवं हड्डी रोग

  रक्त रोग

  मांसपेशियों का रोग

  संक्रामक रोग

  नसों या वेन्स के रोग

  एलर्जी रोग

  मुँह ,दांत के रोग

  मूत्र तंत्र के रोग

  ह्रदय रोग

  आँखों के रोग

  यौन जनित रोग

  गुर्दा रोग

  आँतों के रोग

  लिवर के रोग