मल्टीपल माइलोमा रोग :-  मल्टीपल माइलोमा रक्त का एक अत्यंत गंभीर रोग है,जिसे प्लाज्मा सेल्स का कैंसर भी कहा जाता है।वास्तव में यह एक प्रकार का कैंसर होता है,जो सफ़ेद रक्त कोशिका में होता है।जिसे प्लाज्मा सेल भी कहा जाता है।प्लाज्मा सेल आपको संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं और बाहरी रोगाणुओं को पहचान कर समाप्त करता है,इसीलिए इसे शरीर के रक्षातंत्र के प्रमुख सिपाही के रूप में भी जाना जाता है। वास्तव में यह एक कारखाना है जहाँ रक्त में पायी जाने वाली सारी कोशिकाओं निर्माण होती है।जब रक्षातंत्र की कोशिकाएं बाहरी आक्रमण का मुकाबला करने में समर्थ नहीं होती हैं तो वे अनियंत्रित होकर विभाजित होकर गांठ का रूप ले लेते हैं।यही जब एक से अधिक हो जाती हैं तो इसे मल्टीपल माइलोमा कहा जाता है।दूसरे शब्दों में मल्टीपल माइलोमा के कारण ही कैंसर कोशिकाएं अस्थि मज्जा या बोनमैरो में जमा होने लगती है,जो गांठ के रूप में परिवर्तित हो जाती है। इसे मल्टीपल माइलोमा या बहु मज्जार्बुद के नाम से भी जाना जाता हैं।

लक्षण :- हड्डियां कमजोर होना,प्रतिरोधक शक्ति का कम होना,अस्थि ऊतक गलने लगना,हड्डियों का अचानक टूटना,दर्द,खून में कैल्सियम की मात्रा बढ़ने लगना,गुर्दे की विफलता,रक्त की कमी,थकान महसूस करना,भूख न लगना,कब्ज,वजन घटना,पीठ या पसलियों में दर्द,छोटी-मोती चोट से हड्डियों का टूट जाना,जल्दी-जल्दी संक्रमण एवं बुखार होना,ज्यादा प्यास लगना,जी मिचलाना,उलझन आदि मज्जार्बुद या मल्टीपल माइलोमा के प्रमुख लक्षण हैं।

कारण :- प्लाज्मा सेल्स का विकारग्रस्त होना,अस्थिमज्जा में गांठे हो जाना,लिम्फोसाइट में विकार आ जाना,कैंसर कोशिकाओं का असामान्य प्रोटीन पैदा करना,आनुवंशिक कारण,प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाना,अधिक आयु का होना आदि मज्जार्बुद या मल्टीपल माइलोमा के मुख्य कारण हैं।

उपचार :- (1) लहसुन का रस,अदरक का रस और शहद समान भाग मिलाकर सेवन करने से मल्टीपल माइलोमा 

                    ठीक हो जाता है।

              (2) हल्दी,अम्बा हल्दी एवं दारू हल्दी समान भाग लेकर चूर्ण बनाकर प्रतिदिन सुबह - शाम दूध के 

                    साथ सेवन करने से मल्टीपल माइलोमा ठीक हो जाता है।

              (3) अश्वगंधा चूर्ण,बच एवं दारू हल्दी के चूर्ण के प्रतिदिन सेवन करने से मल्टीपल माइलोमा ठीक हो 

                    जाता है।

              (4) एलोवेरा जूस का प्रतिदिन सेवन करने से एक मास में ही मल्टीपल माइलोमा रोग ठीक हो जाता है।

              (5) चुकुन्दर का रस एवं गाजर का रस प्रतिदिन पीने से मल्टीपल माइलोमा रोग ठीक हो जाता है।

              (6) गेहूं के ज्वारे का रस प्रतिदिन पीने से भी मल्टीपल माइलोमा ठीक हो जाता है।


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