ऑस्टियोक्लास्ट विकार रोग :- ऑस्टियोक्लास्ट विकार हड्डियों का एक अत्यंत घातक रोग है,जिसमें ऑस्टियोक्लास्ट अस्थि कोशिकाएँ हड्डी के ऊतकों को विखंडित कर हड्डियों की सतत मरम्मत एवं रखरखाव और उनके पुनर्निर्माण के कार्यों को नहीं कर पाती है। इसके साथ कैल्सियम की मात्रा को नियंत्रित करने में असमर्थ होती है,जो इनका महत्त्वपूर्ण कार्य है।वास्तव में मूल रूप से ऑस्टियोक्लास्ट कोशिकाओं का कार्य अम्ल स्रावित कर हड्डियों के जलीकृत प्रोटीनों एवं खनिजों को आणविक स्तर पर तोड़कर उन्हें पुनः हड्डियों का मरम्मत करने का कार्य होता है।यही कोशिकाएँ दूध के दाँतों की जड़ों को कमजोर कर उनकी जगह नए दाँतों को स्थायी रूप देने का कार्य करती करती है।इसे पगेट के नाम से भी जाना जाता है।
लक्षण :- शरीर के हड्डियों में दर्द,हड्डी खोखला हो जाना,अचानक हड्डियों का टूट जाना,विशेष प्रकार का सिरदर्द,हड्डियों में विकृति आ जाना,सिर के आकर में वृद्धि,चेहरे में विकृति,मानसिक विकार,मनोभ्रंश के लक्षण,सुनाई कम देना,चक्कर आना,दाँतों का ढीलापन,मूत्र का असंयमित होना,आदि ऑस्टियोक्लास्ट के प्रमुख लक्षण है।
कारण :- ओस्टोयोक्लास्ट कोशिकाओं का कार्य अस्थि ऊतक को गलाने का होने के कारण,कैल्सियम का पिघले लगना,धूम्रपान करना खासकर सिगरेट पीना,शराब का अत्यधिक सेवन करना,आनुवंशिक कारण,घातक हड्डी का कैंसर,ऑस्टियोक्लास्ट से पीड़ित पशुओं का मांस भक्षण से,कीटनाशकों से आर्सेनिक के प्रयोग के कारणआदि ऑस्टियोक्लास्ट के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) हल्दी,दारू हल्दी,अम्बा हल्दी सबको समान भाग लेकर चूर्ण बनाकर प्रतिदिन आधा चम्मच रात में
सोते समय गुनगुने दूध के साथ करने से ऑस्टियोक्लास्ट विकार रोग ठीक हो जाता है।
(2) एलोवेरा जेल या जूस का प्रतिदिन सेवन करने से ऑस्टियोक्लास्ट विकार रोग ठीक हो जाता है।
(3) अश्वगंधा पाउडर का प्रतिदिन गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से ऑस्टियोक्लास्ट विकार रोग ठीक
हो जाता है।
(4) पालक को उबालकर पीने से भी ऑस्टियोक्लास्ट में बहुत आराम मिलता है।
(5) आंवला चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से ऑस्टियोक्लास्ट विकार में बहुत आराम मिलता है।
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