निद्राचारित रोग :-यह एक विचित्र प्रकार की भयानक एवं गंभीर मनोवैज्ञानिक रोग है,जिसमें रोगी नींद में बिस्तर पर सोते हुए जगकर चलने लगता है। कभी सोते हुए जगकर कार्य कर देता है और उसे पता ही नहीं चलता है कि वो रात को क्या कर रहा था।यह एक स्नायुविक गड़बड़ी के कारण होता है।मनोबैज्ञानिक के अनुसार यह 5 -12 वर्ष उम्र के बच्चों में पाई जाती है। नींद में चलना मस्तिष्क के तंत्रिका -तंत्र के विकार के कारण होता है ।
उपचार:-जटामांसी चूर्ण मात्रा एक ग्राम सुबह -शाम सेवन करने से नींद में चलने कि बीमारी का नाश हो जाता है।यह अचूक एवं अनुभूत औषधि है।
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