सूखा रोग :- सूखा रोग बच्चों का एक गंभीर रोग है ,जो विटामिन डी एवं कैल्सियम की कमी के कारण होता है। सूखा रोग विटामिन डी की कमी के अतिरिक्त कुपोषण एवं संतुलित आहार न मिल पाना भी एक प्रमुख कारण है। वास्तव में सूखा रोग अस्थियों का रोग है ,जो अधिकांशतः बच्चों में पाया जाता है। इस बीमारी में बच्चों की हड्डियाँ नरम एवं कमजोर हो जाती हैं। परिणामस्वरूप अस्थि विकार के कारण पैरों में टेढ़ापन एवं मेरुदंड में मोड़ आ जाता है। बच्चों के शरीर में हड्डयों का ढांचा ही नजर आता है और शरीर एकदम दुबला - पतला कृशकाय नजर आता है।
लक्षण :- कंकाल विकृति,अस्थि भंगुरता,विकास में बाधा,हड्डियों का दर्द,पेशीय कमजोरी आदि सूखा रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- विटामिन डी की कमी,कैल्सियम की कमी,पाचन तंत्र में विकार,माता का गलत खान - पान,अधिक चीनी का सेवन,फास्फोरस की कमी,संतुलित एवं पौष्टिक भोजन न मिलना आदि सूखा रोग के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) बिदारिकाण्ड ,गेहूँ ,और जौ का आटा घी में मिलाकर खिलाना चाहिए और दूध -मिश्री या शहद -दूध पिलाना चाहिए ।
(2) सुबह - शाम दो -तीन चम्मच पपीते का रस पिलाने से सूखा रोग धीरे - धीरे ठीक हो जाता है।
(3) आधा चम्मच सेब के सिरके में एक चम्मच जामुन का रस मिलकर दिन में तीन बार पिलाने से सूखा रोग ठीक हो जाता है।
(4) छोटी पीपल को सौंफ के अर्क में घिसकर चटाने से सूखा रोग दूर हो जाता है।
(5) पीपरामूल,अजवाइन,चीता,यवक्षार एवं छोटी पीपल 5 - 5 ग्राम की मात्रा लेकर चूर्ण बनाकर दही के पानी के साथ तीन रत्ती पिलाने से सूखा रोग ठीक हो जाता है।
(6) दो रत्ती अपामार्ग के क्षार के साथ में दही मिलकर खिलाने से सूखा रोग दूर हो जाता है।
(7) एक चम्मच मकोय का रस एवं उसमें एक रत्ती कपूर मिलाकर सुबह - शाम चटाने से सूखा रोग ठीक हो जाता है।
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