वेरिकोज वेन्स रोग :- वेरिकोज वेन्स रोग एक अत्यंत कष्टप्रदाक रोग है ,जिसमें नसें एक जगह जमा हो जाती हैं। इस रोग में नसों में रक्त के दबाव के कारण उसका आकार बढ़ जाता है एवं नीले रंग का त्वचा के बाहर स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। वेरिकोज वेन्स ज्यादातर पैरों की नसों में ही देखने को मिलता है ;किन्तु यह शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है। वास्तव में हृदय के वाल्व द्वारा रक्त का परिसंचरण भलीभांति प्रकार से नहीं करने के कारण नसों में रक्त का इकट्ठा होने से नसें फूल जाती हैं और ये नसें त्वचा के बाहर एक जगह जमा होकर नीले रंग में दिखने लगती है। इसे अपस्फीति शिरा रोग के भी नाम से जाना जाता है। 

 वेरिकोज वेन्स कई तरह के होते है - 

(1) मध्यम प्रकार :- इसमें त्वचा के नीचे बड़े उभार होते हैं जो नीले रंग के होते हैं। इसमें रक्त जमा हो जाता है जो दिल की ओर नहीं जा पाता है। उपचार नहीं होने पर गंभीर हो जाता है।

(2) गंभीर प्रकार :-  जब मध्यम प्रकार के वेरिकोज वेन्स रोग का उपचार नहीं किया जाता है तो यही गंभीर रूप में परिवर्तित हो जाता है और बहुत कष्टदायक हो जाता है। 

(3) स्पाइडर वेन्स :- इसमें नसें मकड़ी के जाले जैसी दिखने लगती है। इसे दूसरे शब्दों में पेड़ की शाखाओं जैसी भी कह सकते है। यह उपचार द्वारा बहुत आसानी से ठीक किया जा सकता है। 

(4) गर्भावस्था के दौरान होने वाले वेरिकोज वेन्स :- यह गर्भावस्था में ज्यादा खून के उत्पादन होने के कारण नसों में खून का दबाव बढ़ जाने के कारण हो जाता है , जो उपचार द्वारा ठीक हो जाता है। 

लक्षण :- पैरों में सूजन,मसल्स में ऐठन,स्किन पर अल्सर,नीली नसों का गुच्छा,पैरों में दर्द सूजन ,नसों में उभार,तलवे में दर्द,प्रभावित नसों में खुजली,पैरों में भारीपन महसूस होना,बहुत देर तक बैठने और उठने पर दर्द,मांसपेशियों में ऐंठन आदि वेरिकोज वेन्स रोग के प्रमुख लक्षण हैं। 

कारण : - आनुवांशिकता,हार्मोनल बदलाव,मोटापा,नसों में दबाव उत्पन्न होना,अधिक उम्र का होना,गर्भावस्था,बहुत देर तक एक ही अवस्था में रहना,हृदय के वाल्व का ठीक से कार्य न करना,गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक प्रयोग करना,कब्ज,फ़ास्ट फ़ूड का अधिक प्रयोग आदि वेरिकोज वेन्स रोग के मुख्य कारण हैं। 

उपचार : - (1) लहसुन की 10 - 15 कलियों को पीसकर संतरे के जूस एवं दो चम्मच जैतून के तेल के साथ मिलाकर सोते समय मालिश करने से वेरिकोज वेन्स रोग ठीक हो जाता है। 

(2) गर्म दूध के साथ भुनी हुई लहसुन की कलियाँ  चार - पांच प्रतिदिन खाने से वेरिकोज वेन्स रोग ठीक हो जाता है। 

(3) अजमोद की थोड़ी सी पत्तियों को उबालें और उसमें तीन चार बूंद गुलाब का तेल ,तीन चार बून्द गेंदा के फूलों का तेल मिलाकर प्रभावित नसों पर लगाने से वेरिकोज वेन्स रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाता है। 

(4)सेब के सिरके का सुबह - शाम एक चम्मच सेवन पानी में मिलाकर करने से वेरिकोज वेन्स रोग में बहुत आराम होता है। 

(5) लाल शिमला मिर्च के पाउडर का एक या आधा चम्मच गर्म जल के साथ सेवन करने से वेरिकोज वेन्स रोग में बहुत आराम मिलता है। 

(6) जैतून तेल को हल्का गर्म कर नसों की मालिश से वेरिकोज वेन्स रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाता है। 

(7) अखरोट के तेल में सूती कपडे को भिंगो कर पट्टी बांधने से वेरिकोज वेन्स रोग ठीक हो जाता है। 

(8) जीवन शैली में परिवर्तन द्वारा जैसे ज्यादा देर तक खड़े नहीं रहना,वजन काम करना,नियमित व्यायाम करना,टाइट जुराबें पहनना आदि द्वारा वेरिकोज वेन्स रोग की परेशानियों को दूर किया जा सकता है। 

(9) ज्यादा फाइबर युक्त भोज्य पदार्थों के सेवन द्वारा भी वेरिकोज वेन्स रोग से बचा जा सकता है। 

(10) मड पैक थेरेपी द्वारा भी वेरिकोज वेन्स रोग को दूर किया जा सकता है। 

उपयोगी योग,आसन एवं व्यायाम : - अनुलोम - विलोम,सूर्य नमस्कार, शीर्षासन,नौकासन,सर्वांगासन,उत्तानपादासन,सूक्ष्म व्यायाम आदि वेरिकोज वेन्स रोग में अत्यंत लाभप्रद हैं। 


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