huntington's disease

हंटिंगटन रोग : - हंटिंगटन एक अत्यंत दुर्लभ किस्म की घातक न्यूरोलॉजिकल बीमारी  है,जिसमें ग्रसित ,व्यक्ति के मस्तिष्क में स्थित कोशिकाएं क्षतिग्रस्त एवं शक्तिहीन होकर नष्ट होने लगती है। वास्तव में हंटिंगटन एक आनुवांशिक रोग है,जिसका दुष्प्रभाव स्वरुप ग्रसित व्यक्ति के मस्तिष्क में विषाक्त द्रव्यों के रूप में प्रोटीन एकत्रित होने लगता है एवं मानव मस्तिष्क की कोशिकाओं को हानि पहुँचाता है। इस रोग में मरीज के सोचने,समझने एवं उनके व्यवहार की गतिविधियों में बहुत बदलाव आ जाता है। व्यक्ति में उत्तेजना,मूड में अचानक बदलाव आदि लक्षण विशेष रूप से दृष्टिगोचर होता है। हंटिंगटन रोग अधिकांशतः अधेड़ उम्र के लोगों में पाया जाता है,किन्तु यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति एशिया या अफ्रीका से ज्यादा पश्चिमी यूरोप में अधिक पाए जाते हैं। 

लक्षण : - चलने - फिरने में परेशानी,चिड़चिड़ापन,अनिद्रा,थकान,जी घबड़ाना,हाथ - पैरों में अनियंत्रण,सिर एवं ऊपर के हिस्से में अनियंत्रण,सोचने की शक्ति में ह्रास,याददाश्त कमजोर,निर्णय न ले पाना,तनाव,डीप्र्शन,अधिक गुस्सा करना, ओबसेसिव कंपल्सिव बिहेवियर के लक्षण आदि हंटिंगटन रोग के प्रमुख लक्षण हैं। 

कारण : - आनुवांशिक कारण,असामान्य गुणसूत्र,साइटोसाइन,एडेनाइन एवं गुएनाइन का अधिक उत्पादन,विषाक्त प्रोटीन का मस्तिष्क में एकत्र होना,मस्तिष्क की कोशिकाओं का अधिक संवेदनशील होना,गंभीर आघात आदि हंटिंगटन रोग के मुख्य कारण हैं। 

उपचार : - (1) अश्वगंधा पाउडर का प्रतिदिन दूध के साथ सेवन करने से हंटिंगटन रोग दूर हो जाता है। 

(2) एलोवेरा जूस के प्रतिदिन सेवन करने से मस्तिष्क के दोषों का निराकरण हो जाने से हंटिंगटन रोग का सफाया हो जाता है। 

(3) सूर्य की रौशनी में नियमित कुछ देर प्रतिदिन बैठने से हंटिंगटन रोग में बहुत फायदा होता है। 

(4) मैनीशियम युक्त पत्तेदार सब्जियां,केला,दही आदि के सेवन से भी हंटिंगटन रोग में अत्यंत लाभ मिलता है। 

(5) ओमेगा - 3 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे - सीप,सैल्मन,टूना,सार्डिन जैसे समुद्री फूड्स के सेवन से हंटिंगटन रोग में अद्भुत लाभ मिलता है। 

(6) कैमोमाइल के सूखे फूल की चाय में शहद मिलाकर सेवन करने से हंटिंगटन रोग में बहुत फायदा होता है। 

(7) ठन्डे पानी से प्रभावित अंगों को सेंकने से भी हंटिंगटन रोग में बहुत आराम मिलता है। 

(8) ग्रीन टी के साथ शहद मिलाकर सेवन करने से भी हंटिंगटन रोग में लाभ होता है। 

(9) हंटिंगटन रोग आनुवांशिक होने से संतान प्राप्त करने के लिए आई वी एफ़ तकनीक से संतान प्राप्त करना अच्छा होता है ताकि इस रोग का स्थानांतरण न हो सके। 

(10) शंखपुष्पी,बच,ब्राह्मी,अश्वगंधा आदि के सेवन से भी हंटिंगटन रोग में अत्यंत लाभ होता है। 

योग,आसन एवं प्राणायाम : - अनुलोम - विलोम,कपालभाति,भ्रामरी,भस्त्रिका,ऊँकार का उच्चारण,शीर्षासन आदि। 


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